शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि और चर्तुग्रही योग में होगी पूजा; महाशिवरात्रि पर 300 साल बाद बन रहा दुर्लभ योग,शुभ मुहूर्त देखे
पटना।धर्म।फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि मनाई जाती है। इस साल शिवरात्रि 8 मार्च को मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि पर इस बार 300 साल बाद खास त्रिकोण योग बन रहा है। यह शिव योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और चर्तुग्रही योग का दुर्लभ संयोग है। इसके साथ ही शुक्रवार दिन होने के कारण शुक्र प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है। इस दुर्लभ योग और शुभ अवसर पर भगवान शंकर की पूजा करने से भक्तों को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
निशिता काल महाशिवरात्रि का आठवां काल है
ज्योतिषाचार्य मोहन ने बताया कि इस दिन कुंभ राशि पर शनि मूल त्रिकोण में बैठे हैं। इसके साथ सूर्य, चंद्रमा और शुक्र भी विराजमान है। इसके चलते चतुग्रही योग बन रहा है। महाशिवरात्रि के लिए निशिता काल पूजा का मुहूर्त चतुर्दशी तिथि में होना आवश्यक है। रात्रि का आठवां काल निशिता काल कहलाता है। रात्रि 9:58 बजे से 12:31 मिनट तक निशिता काल रहेगा। महाशिवरात्रि के दिन शहद से शिवलिंग का अभिषेक करना शुभ होता है। गन्ने के रस से शिव का अभिषेक करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त
पहला प्रहर- 8 मार्च को शाम 6:25 बजे से रात 9:28 बजे तक
दूसरा प्रहर- रात 9:28 से 12:31 बजे तक
तीसरा प्रहर- रात 12:31 बजे से 3:34 बजे तक
अंतिम प्रहर- सुबह 3:34 बजे से सुबह 6:37 बजे तक