माता सीता की जन्मस्थली की अनदेखी:जंक्शन पर पर्यटक मानचित्र से सीतामढ़ी गायब
पटना।रेलवे की ओर से मुजफ्फरपुर जंक्शन पर लगाए गए पर्यटक मानचित्र से सीतामढ़ी रेलखंड काे गायब कर दिया गया है। माता जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी जाने के लिए मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचने वाले यात्रियाें काे पर्यटक मानचित्र मदद के बदले असमजंस में डाल रहा है। सप्ताह भर पूर्व 21 फरवरी काे जंक्शन के दक्षिणी साइड वाले टिकट बुकिंग व पूछताछ केंद्र का उदघाटन किया गया था। इससे पूर्व केंद्र के पास यात्रियाें की सहूलियत के लिए रेलवे की ओर से पर्यटक मानचित्र लगाया गया। लेकिन, सीतामढ़ी जाने के इच्छुक यात्री इस मानचित्र से धाेखा खा रहे हैं। मानचित्र से मुजफ्फरपु -सीतामढ़ी रेलखंड गायब है।
मुजफ्फरपुर जंक्शन से हाजीपुर, माेतिहारी, समस्तीपुर व सीतामढ़ी के लिए ट्रेनें चलती हैं। लेकिन, मानचित्र में सीतामढ़ी रूट का जिक्र तक नहीं है। यहीं नहीं मुजफ्फरपुर -माेतिहारी रूट में पड़ने वाले नरियार व पिपराहां स्टेशन नहीं हैं। हाजीपुर रूट में पड़ने वाला रामदयालुनगर स्टेशन नहीं है। पुनाैराधाम व जनकपुर आदि मठ-मंदिराें के लिए यात्री मुजफ्फरपुर से सीतामढ़ी जाने वाली ट्रेनाें से यात्रा शुरू करते हैं। इस संबंध में साेनपुर रेल मंडल के डीआरएम विवेक भूषण सूद ने बताया कि जंक्शन पर लगाए गए मानचित्र के बारे में जानकारी नहीं मिली है। जानकारी लेकर मानचित्र काे अपडेट कराया जाएगा।
यात्रियों ने कहा-यह रेलवे की बड़ी लापरवाही
442 कराेड़ रुपए से स्टेशन पुनर्विकास परियाेजना के तहत मुजफ्फरपुर जंक्शन काे अपग्रेड किया जा रहा है। जंक्शन पर पहुंचने वाले यात्रियाें काे विश्व स्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है। परियाेजना के तहत 89 लाख रुपए से टिकट बुकिंग व पूछताछ केंद्र बना है। लेकिन, केंद्र के पास लगा पर्यटक मानचित्र रेलवे के क्रियाकलाप पर सवाल उठा रहा है।
सीतामढ़ी के नानपुर निवासी अविनाश कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे की ओर से पर्यटक मानचित्र में सीतामढ़ी रूट में शामिल नहीं किया जाना बड़ी लापरवाही है। यह माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी की उपेक्षा है। मानचित्र देखने के बाद यात्री सीतामढ़ी की यात्रा के लिए प्लान बनाने में कठिनाई हाे सकती है। बिना जांच-पड़ताल के मुजफ्फरपुर जंक्शन पर मानचित्र लगा दिया गया है। मानचित्र में शहीद जुब्बा सहनी पार्क की पुरानी तस्वीर लगी है। इसमें बाबा गरीबनाथ मंदिर, वैशाली का एेतिहासिक अशाेक स्तंभ व देवी मंदिर काे शामिल किया गया है।