Wednesday, November 27, 2024
Patna

लंबे इंतजार के बाद दरभंगा एयरपोर्ट के स्थाई सिविल टर्मिनल के लिए टेंडर पूरा,मिलेगी यह सुविधा

पटना।दरभंगा .लंबे इंतजार के बाद दरभंगा एयरपोर्ट के स्थायी सिविल टर्मिनल के लिए टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। आधारभूत संरचना के लिए काम करने वाली देश की प्रसिद्ध अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स को दरभंगा एयरपोर्ट के लिए नए सिविल टर्मिनल के निर्माण का ठेका मिल गया है। नए स्थाई टर्मिनल को लेकर लेआउट पहले ही तैयार हो चुका है। इस नए एयरपोर्ट के स्थायी सिविल टर्मिनल 572 करोड़ की लागत से बनाया जएगा। सरकार ने अहलूवालिया कॉन्ट्रैक्ट्स इस परियोजना को पूरा करने के लिए दो वर्षों का समय निर्धारित किया है। ऐसे में 2027 से पहले इस स्थाई टर्मिनल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाना है। उड़ान योजना के तहत लगातार दूसरे साल नंबर वन बने इस एयरपोर्ट के विकास के लिए वर्षों से मांग की जा रही है। दरभंगा एयरपोर्ट के नये टर्मिनल के लिए राज्य सरकार ने करीब 80 एकड़ जमीन नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंपी है। केंद्र सरकार अब उस जमीन पर सुविधाओं का विकास करने जा रही है। लोगों का कहना है

 

 

कि दरभंगा जैसे व्यस्त एयरपोर्ट का टर्मिनल क्षमता महज 42.5 लाख यात्रियों का है, जो अन्य समतुल्य एयरपोर्ट के मुकाबले काफी कम है। आंदोलन से जुड़े अभिनव सिन्हा कहते हैं कि दरभंगा और पटना एयरपोर्ट पर टर्मिनल निर्माण की तुलनात्मक समीक्षा करें तो दरभंगा में प्रस्तावित टर्मिनल के लिए अधिक जमीन अधिग्रहण होने के बाद भी क्षमता को कम कर दिया है। ऐसे में यहां सुविधाओं का अभाव हमेशा बना रहेगा। अगले 30 साल के प्लान में 42.5 लाख यात्री बेहद कम अनुमान है। पटना बिल्डिंग का एरिया करीब 65,135 वर्ग मीटर का है। इसमें सालाना 80 लाख यात्रियों के ठहरने की क्षमता है। जबकि दरभंगा में 66600 वर्ग मीटर क्षेत्र होने के बाद भी क्षमता मात्र 42.5 लाख यात्रियों का है। एयरपोर्ट का डिजाइन

 

24 एकड़ अतिरिक्त जमीन पर रनवे का विस्तार होगा, सिस्टम लगाया जाएगा दरभंगा एयरपोर्ट का मुख्य टर्मिनल दो फेज में बनेगा। टर्मिनल की पूरी क्षमता सालाना 42.5 लाख यात्रियों की होगी। व्यस्ततम अवधि में यहां से एक साथ 2000-2500 यात्रियों की आवाजाही हो सकती है। दरभंगा एयरपोर्ट के लेआउट प्लान के अनुसार दरभंगा एयरपोर्ट का स्थायी सिविल टर्मिनल 54 एकड़ में बनेगा। जो एयरपोर्ट के दक्षिण होगा और नार्थ-ईस्ट कॉरिडोर यानी एनएच-57 से जुड़ेगा। राज्य सरकार की ओर से दी गई 24 एकड़ अतिरिक्त जमीन पर रनवे का विस्तार और रात में टेकआफ और लैंड करने की सुविधा के लिए आइएलएस सिस्टम लगाया जाएगा

Kunal Gupta
error: Content is protected !!