अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना:टूट रही जाति की दीवार; विवाह करने में सूबे में दूसरे नंबर पर भागलपुर
पटना।समाज में जाति की दीवार टूट रही है। अंतरजातीय विवाह का चलन लगातार बढ़ रहा है। यही कारण है कि अंतरजातीय विवाह करनेवालों की संख्या भी दो साल के अंदर दोगुनी से भी अधिक हो गई है। हालत यह है कि अंतरजातीय विवाह करने में राज्य में भागलपुर दूसरे नंबर पर है। सबसे अधिक पटना में 109 लाभुक हैं। इसके बाद दूसरे नंबर भागलपुर में 69 लाभुक हैं।
इसका खुलासा मुख्यमंत्री अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना वित्तीय वर्ष 2023-24 की रिपोर्ट से हुआ है। जिले में आए सभी 69 आवेदनों का सत्यापन हो गया है। इनमें सबको राशि के भुगतान के लिए स्वीकृति मिल गई। 44 लाभार्थी को भुगतान भी किया जा चुका है। इनमें 33 लाभुक का फिक्स्ड डिपोजिट के लिए मामला पेंडिंग है। जबकि 11 का एफडी कर दिया गया है। वहीं वित्तीय वर्ष 2022-23 में केवल 31 लोगों ने ही आवेदन किया था। यानी, पिछले साल की तुलना में इस बार दोगुना से भी अधिक लाभुक हैं।
आवेदन के लिए विवाह निबंधन प्रमाण पत्र जरूरी
मुख्यमंत्री अंतरजातीय विवाह प्राेत्साहन अनुदान याेजना के तहत सबसे पहले आवेदनकर्ता वर-वधू में से किसी एक का बिहार का हाेना जरूरी है। वर-वधू में से जाे भी बिहार के हाेंगे, वे अपने गृह जिला में इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। फिर आवेदन के सत्यापन के बाद उसे डीएम के स्तर पर स्वीकृति दी जाती है। इसमें आवेदन करने के लिए विवाह निबंधन प्रमाण पत्र, जाति, आवासीय प्रमाण पत्र, बैंक का खाता संख्या पासबुक, आधार कार्ड की काॅपी चाहिए। वधू के नाम से ही तीन साल के लिए एक लाख रुपए फिक्स्ड डिपाेजिट की जाती है।
वधू के नाम से तीन साल के लिए एक लाख का एफडी
योजना के तहत लाभुक को एक लाख रुपए मिलता है। ये राशि वधू के नाम से बैंक में फिक्स्ड डिपोजिट की जाती है। यह राशि तीन साल के लिए एफडी करने का प्रावधान है। इसके बाद उस राशि को निकाला जा सकता है। तीन साल बाद राशि मिलने के बाद उसमें ब्याज जुड़कर लाभुकों को मिलता है।
आवेदनकर्ता अगर किसी भी दूसरी जाति में विवाह करते हैं, तो उनको इस योजना का लाभ मिलेगा।-विकास कुमार, सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा कोषांग