आर.एल. महतो बी.एड.कॉलेज में मनाई गई स्वामी विवेकानंद की जयंती
दलसिंहसराय स्थित आर एल महतो इंस्टिट्यूट ऑफ एजुकेशन में स्वामी विवेकानंद की जयंती राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया गया । कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं उनके चित्र पर पुष्पांजलि एवं माल्यार्पण कर किया गया । इस अवसर पर महाविद्यालय प्राचार्य डॉ धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि स्वामी विवेकानंद युवा सन्यासी, शिक्षा शास्त्री, देशभक्त तथा समाज सुधारक थे । साथ ही भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिक मूल्यों एवं सनातन परंपरा से विश्व को आलोकित करने वाले महान संत व दार्शनिक, युग पुरुष स्वामी विवेकानंदजी का जीवन एवं दर्शन दुनिया के लिए प्रकाश पुंज की तरह है । वे मानते थे कि वास्तविक शिक्षा का मुख्य उद्देश्य आत्मविश्वास, आत्मज्ञान, आत्म नियंत्रण, आत्मनिर्भरता, आत्मज्ञान जैसे सद्गुणों का विकास और देशभक्ति का भाव जागृत करना होना चाहिए । स्वामी विवेकानंद के विचार केवल भारतीय समाज ही नहीं बल्कि समूची दुनिया के लिए मार्गदर्शक हैं, वे अपने विचारों में मानवता और अध्यात्म के जिन रूपों की व्याख्या करते हैं वह अतुलनीय हैं । महाविद्यालय के वरीय शिक्षक निर्मल कुमार चंचल ने स्वामी विवेकानंद पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हमें उनसे शिक्षा लेने की आवश्यकता है जिसके द्वारा चरित्र, मस्तिष्क, बुद्धि का विकास हो और मनुष्य अपने पैरों पर खड़ा हो सके । मंच का संचालन निधि नंदा ने किया ।
मौके पर डॉ राम कुमार रमन, मो. बकर जाफिर, सत्यम, केशव कुमार चौधरी, उमाशंकर चंदन, राधेश्याम झा, पल्लव कुमार पारस, चंदा कुमारी, स्मिता कुमारी, कुमारी दीपा आदि ने भी स्वामी विवेकानंद पर अपने अपने विचार को रखा ।