Patna Metro: बिहार मे राजेंद्रनगर होगा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन,21 मीटर नीचे होगा प्लेटफॉर्म
पटना मेट्रो रेल का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन राजेंद्रनगर होगा। यहां 21 मीटर नीचे से मेट्रो रेल गुजरेगी। इसका कारण राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन से गुजरने वाला रेलवे ट्रैक है। नियमानुसार, रेलवे लाइन से न्यूनतम 15 मीटर नीचे ही सुरंग का निर्माण हो सकता है। रेल की पटरियों और सुरंग के बीच 15 मीटर का कुशन (मिट्टी की परत) जरूरी है। इसी कारण राजेंद्रनगर स्टेशन के पास बन रहा मेट्रो स्टेशन 21 मीटर गहरा होगा।
प्राय: पटना मेट्रो के भूमिगत रेलवे स्टेशन करीब 16 मीटर नीचे बनाए जा रहे हैं। राजेंद्रनगर मेट्रो स्टेशन विशेष मेट्रो स्टेशन होगा, क्योंकि यह रेलवे टर्मिनल से जुड़ा होगा। इस मेट्रो स्टेशन से लोग आसानी से राजेंद्रनगर रेलवे टर्मिनल से ट्रेन भी पकड़ सकेंगे। यह मेट्रो स्टेशन कंकड़बाग मेन रोड और राजेंद्रनगर रेलवे स्टेशन की पार्किंग के नीचे बनाया जा रहा है। पूर्व मध्य रेलवे के साथ समन्वय के बाद मेट्रो स्टेशन का डिजाइन फाइनल किया गया है।
मेट्रो स्टेशन के दो प्रवेश द्वार होंगे जिनमें एक राजेंद्रनगर रेलवे परिसर और दूसरा सड़क की दूसरी ओर कालेज आफ कामर्स के पास होगा। राजेंद्रनगर मेट्रो स्टेशन नए बस स्टैंड आइएसबीटी से वाया मलाही पकड़ी, पटना जंक्शन तक बन रहे कोरिडोर-दो का हिस्सा है। इस कोरिडोर में 12 मेट्रो स्टेशन हैं, जिनमें सात भूमिगत जबकि पांच एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनाए जा रहे हैं। सबसे पहले इसी कोरिडोर-दो में पटना मेट्रो रेल शुरू होने की संभावना है।
सभी मेट्रो प्लेटफार्म पर लगेंगे स्क्रीन डोर
पटना मेट्रो स्टेशन के सभी प्लेटफार्म पर सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। पटना मेट्रो के सभी प्लेटफार्म पर स्क्रीन डोर की व्यवस्था होगी। यह स्क्रीन डोर पारदर्शी होता है, जो मेट्रो लाइन और प्लेटफार्म के बीच बनाया जाता है। सिर्फ मेट्रो ट्रेन आने पर ही यह स्क्रीन डोर खुलेगी। अन्य समय यह स्क्रीन डोर बंद रहेगी ताकि मेट्रो सुरंग या मेट्रो लाइन पर कोई प्रवेश न कर सके।
मेट्रो स्टेशनों पर दिखेगी बिहार की कलाकृतियां
पटना मेट्रो स्टेशनों पर बिहार की कलाकृतियां भी देखने को मिलेंगी। मेट्रो स्टेशनों को सजाने में मधुबनी पेंटिंग आदि का इस्तेमाल होगा। सभी मेट्रो स्टेशनों पर सीढि़यों के अलावा एस्केलेटर और लिफ्ट की भी व्यवस्था होगी ताकि बुजुर्ग या दिव्यांगों को असुविधा न हो। आगजनी व अन्य आपातकाल में निकास के लिए आपात-द्वार भी बनाए जा रहे हैं।”