बिहार मे लगेगा 2000 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट,बिजली घर की अधिकतम हिस्सेदारी बिहार की रहेगी,राज्य को मिलेगा फायदा
Patna.भागलपुर के पीरपैंती में उन्नत तकनीक पर आधारित थर्मल पावर प्लांट लगाया जायेगा। इस प्लांट की क्षमता 2000 मेगावाट होगी। इसको लेकर प्रस्ताव राज्य सरकार की ओर से केंद्र को भेजा गया था। जिस पर केंद्र ने अपनी सहमति दे दी है। एनटीपीसी के अधिकारी रवि कुमार ने दी।
पीरपैंती में पावर प्लांट स्थापित किये जाने के पीछे इससे सटे बंगाल में कई कोयला खदान होना बताया जा रहा है। इससे थर्मल पावर को चलाने में कम दूरी से आसानी से कोयला मिलेगा। केंद्र सरकार से बिजली घर बनाने के प्रस्ताव के बाद अब राज्य सरकार तय करेगी कि किस एजेंसी से निर्माण कराया जाये। एनटीपीसी को विशेषज्ञता को देखते हुए उनको काम दिया जा सकता है। चूंकि जमीन राज्य सरकार की ओर से दी जायेगी, इसलिए उस बिजली घर की अधिकतम हिस्सेदारी बिहार की रहेगी।
पहले सोलर बिजली घर लगाने का हुआ था निर्णय
एनटीपीसी के अधिकारी रवि कुमार ने बताया कि राज्य सरकार ने बक्सर के चौसा, लखीसराय के कजरा और भागलपुर के पीरपैंती में 660 मेगावाट की दो-दो यूनिट निर्माण किये जाने की योजना बनायी थी। लेकिन, तकनीकी कारणों से बाद में कजरा व पीरपैंती में सोलर बिजली घर बनाये जाने का निर्णय लिया गया। कजरा में 150 मेगावाट सोलर बिजली पर काम शुरू कर दिया गया है।
लेकिन पीरपैंती का मामला फिर फंस गया। आकलन में पाया गया कि हरा-भरा क्षेत्र अधिक होने के कारण मात्र 50 मेगावाट ही सोलर बिजली उत्पादित हो सकती है. इस कारण ऊर्जा विभाग ने अब तय किया है कि पीरपैंती में थर्मल बिजली घर का निर्माण कराया जायेगा. पीरपैंती बिजली घर बनने से राज्य की भविष्य की जरूरतों को पूरा करने में सुविधा होगी। बिहार में अभी हर रोज औसतन छह हजार मेगावाट बिजली आपूर्ति हो रही है। पीक आवर में 7400 मेगावाट से अधिक बिजली आपूर्ति की जा चुकी है।