लड़की,लड़के में भेद-भाव न करें,लड़की खुद को इंसान समझे,मॉडन जमाने मे लड़की गलत दिशा मे जा रही
पटना।दरभंगा :- समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ.भीमराव अंबेडकर सभागार में जिलाधिकारी श्री राजीव रौशन की अध्यक्षता में राष्ट्रीय बालिका दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस अवसर पर कार्यक्रम का उद्घाटन फीता काटकर एवं दीप प्रज्वलित कर जिलाधिकारी के कर कमलों से किया गया।इस अवसर पर उप विकास आयुक्त प्रतिभा रानी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस डॉ.रश्मि वर्मा,श्रम अधीक्षक राकेश कुमार रंजन,सहायक निदेशक सामाजिक सुरक्षा सुश्री नेहा कुमारी ने सहयोग प्रदान किया।जिलाधिकारी द्वारा बताया गया कि लड़कियां आज किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है, समाज को जरुरत है कि लड़की,लड़के में भेद-भाव न करें।बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान एवं बेटियों पर गर्व करने एवं लड़की लड़को में भेदभाव नहीं करने संबंधित प्रतिभागियों को शपथ भी दिलायी गयी।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बालिका दिवस,भारत में हर साल 24 जनवरी को भारतीय समाज में महिलाओं के अधिकार, उनकी शिक्षा के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है देश की बेटियों के सामने आने वाली सभी असमानताओं को दूर करना,उनकी बेहतरी के लिए अवसर और समान अधिकार प्रदान करना और यह भी सुनिश्चित करना कि समाज में उनको भी सम्मान और मूल्य मिलें।उन्होंने कहा कि पहले मूलभूत सुविधाओं का आभाव था उनको जीवन यापन के लिए संघर्ष करना पड़ता था। एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए काफी समय बर्बाद हो जाता था। जीवन में हर चीज़ महत्वपूर्ण है सोना,खेल कूद,मोबाइल पर गेम खेलना ,पढ़ना,दोस्तों से बातचीत सभी महत्वपूर्ण है परन्तु जरुरत है जो सबसे महत्वपूर्ण है उसको प्राथमिकता अनुसार किया जाना जरुरी है.उन्होंने कहा कि आज स्थिति बदल चुकी है, मुलभुत सुविधाओं में वृद्धि हुई है,साथ ही एक जगह से दूसरे जगह जाने में भी काफी कम समय लगता है,जरुरी है समय का सदुपयोग करें एवं पढ़ाई को प्राथमिकता दें।इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
सामाजिक समरसता और राज्य की विकास के लिए यह अवसर संकल्प लेने का है,की आंतरिक मजबूती महिला सशक्तिकरण है,इसे और नई ऊर्जा प्रदान की जाए.उन्होंने कहा कि हमारे देश में महिलाओं को पुरुष के बराबर मत देने एवं सरकार बनाने का अधिकार है।उन्होंने कहा कि महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए जिस प्रकार संसद द्वारा नए कदम उठाए गए हैं, यह दर्शाता है कि महिला सशक्तिकरण के लिए पूरा देश संकल्पित हैं।उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा पंचायती राज व्यवस्था में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान किया गया है,महिलाओं के प्रति हिंसा कम हो इसके लिए भी सामाजिक आंदोलन चलाए गए हैं।बाल विवाह दहेज प्रथा उन्मूलन या मद्यनिषेध अभियान महिलाओं के प्रति हिंसा को समाप्त करने के लिए सरकार के द्वारा बढ़ाए कदम हैं।इस अवसर पर निकाली गई जागरूकता रैली के संबंध में कहा कि महिलाओं एवं बालिकाओं को अपने अधिकार के लिए जागरूक करने के लिए यह रैली निकाली गई है, ताकि वे अपने अधिकार के प्रति सजग रहे तथा अपने महत्व को समझें।लड़की,लड़के में भेद-भाव न करें,लड़की खुद को इंसान समझे,मॉडन जमाने मे लड़की गलत दिशा मे जा रही,पहनावा से लेकर हर चीज बदल रहा है।भारतीय कपड़ो को छोड़ विदेशी कपड़े चुन रहे है।
समाज में महिला और पुरुष मिलकर ही परिवार का निर्माण करते हैं, भावी पीढ़ी को पालने एवं आगे बढ़ाने में महिला व पुरूष दोनों का बराबर योगदान रहता है,समाज महिलाओं के प्रति संवेदनशील बने यही इस कार्यक्रम का उद्देश्य है।उन्होंने कहा कि आज पूरा देश बालिकाओं और महिलाओं पर गर्व कर रहा है, देश के सर्वोच्च पद भारत के राष्ट्रपति पद पर महिला ही विराजमान हैं, जो सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं कि आप भी देश,राज्य एवं जिला को नेतृत्व दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि बालिकाएं सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक राजनीतिक क्षेत्र में अपने कर्म को प्रशस्त करके अपने लिए ऐसा स्थान बना सकती हैं जो दूसरों के लिए आदर्श बन जाए।उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि आपके बीच संबोधन करने वाली श्रीमती वंदना प्रेयसी एवं उप विकास आयुक्त श्रीमती प्रतिभा रानी दोनों महिला भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं।उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में महिलाओं को बराबरी का दर्जा प्रदान किया गया है। रक्षा के क्षेत्र में भी महिलाएं अपना शौर्य दिखा रही हैं।उप विकास आयुक्त ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर महिला एवं बाल विकास निगम के प्रबंध निदेशक द्वारा दिए गये सन्देश के महत्व के बारे में बताया।
साथ ही बच्चियों के अधिकारों,महिला सशक्तिकरण के प्रति जागरूकता एवं बच्ची के जन्म से लेकर परिवार में उसकी स्थिति,शिक्षा के अधिकार और कैरियर में महिलाओं के विकास में आने वाली समस्याओं को दूर करने के बारे में ख़ास सन्देश दिए।उन्होंने कहा कि बालिकाओं एवं महिलाओं के उत्थान के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है.सरकार के प्रयास से महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता बढ़ी है, अब अधिक संख्या में बच्चियों शिक्षित हो रही है,कन्या भ्रूण हत्या में कमी आई है।उन्होंने कहा कि महिला के बिना परिवार या समाज नहीं चल सकता है,परिवार एवं समाज को आगे बढ़ाने में महिलाओं का भी बराबर का योगदान है,इसलिए उन्हें भी उतना ही सम्मान मिलना चाहिए। लोगों को यह समझना होगा कि हमारी बेटियां भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, जितना हमारा बेटा है, दोनों को सामान सुविधा मिलनी चाहिए ताकि अपनी क्षमता के अनुसार दोनों आगे बढ़ सके।सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत अम्बेडकर सभागार के समीप से कर्पूरी चौक तक बालिकाओं द्वारा साइकिल रैली एवं मोबाइल जागरूकता वैन को उप विकास आयुक्त श्रीमती प्रतिभा रानी द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया।
कार्यक्रम के दौरान बेटी जन्मोत्सव के अवसर पर दरभंगा सदर, हायाघाट, बहादुरपुर, दरभंगा ग्रामीण एवं हनुमाननगर से आए अभिभावक, जिन्होंने अपने बच्चियों का पूर्ण टीकाकरण करवा लिया है उन्हें एवं पिछले माह जन्मी बच्चियों को प्रशस्ति पत्र,स्वेटर एवं बेबी किट देकर जिला प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया। जिसमें दरभंगा सदर से जोया फातिमा,एकरा वसीम,अमिरा प्रवीन,हायाघाट से माहि शर्मा बहादुरपुर से अर्चना कुमारी,प्रमिला देवी,अंजलि देवी,दरभंगा ग्रामीण से लीला देवी,मुनिया देवी,अमृता कुमारी एवं अन्य अपने बच्चों के साथ उपस्थित थीं Iश्रम अधीक्षक श्री राकेश रंजन द्वारा श्रम विभाग द्वारा बच्चियों के विकास हेतु चलाये जा रहे महत्वपूर्ण योजनाओ के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड, स्वयं सहायता भत्ता एवं कुशल युवा कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी तथा इससे लाभान्वित होने हेतु प्रोत्साहित किया गया। इस अवसर पर हस्ताक्षर अभियान में जिला पदाधिकारी समेत उपस्थित पदाधिकारियों ने राष्ट्रीय बालिका दिवस पर शुभकामनाएं एवं हस्ताक्षर कर अपनी सशक्त सहभागिता निभाई।
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी डॉ.रश्मि वर्मा एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी द्वारा बच्चियों के अधिकार के साथ साथ सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया।अम्बेडकर सभागार में कार्यक्रम समापन के उपरान्त जिला पदाधिकारी,उप विकास आयुक्त,श्रम अधीक्षक एवं उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा समाहरणालय परिसर के प्रांगन में सम्मानित बच्चियों के नाम पर पौधारोपण किया गया। उक्त कार्यक्रम में यूनिसेफ से ओंकारचन्द्र,श्याम कुमार सिंह, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी,सभी प्रखंड से आई महिला पर्यवेक्षिका,वन स्टॉप सेंटर के सभी कर्मी,जिला स्कूल,एम एल एकेडमी,रामानंद मिश्र बालिका उच्च विद्यालय की छात्राओं,शिक्षकों समेत लगभग 200 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
कार्यक्रम के अंत में श्री ऋषि कुमार जिला मिशन समन्वयक,डिस्ट्रिक्ट हब फॉर एम्पावरमेंट ऑफ़ वीमेन द्वारा सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया गया।आगत अतिथियों का स्वागत एवं मंच का संचालन केंद्र प्रशासक,वन स्टॉप सेण्टर,अजमतुन निशा द्वारा किया गया। प्रबंध निदेशक महिला एवं बाल विकास निगम द्वारा दिए गये सन्देश एवं योजना सम्बंधित विडियो को प्रोजेक्टर के माध्यम से सभी उपस्थित प्रतिभागियों को दिखाया गया।साथ ही पोस्को अधिनियम से सम्बंधित पावरप्वाइंट के माध्यम से प्रस्तुतीकरण ट्रेनर सोनू कुमार साह द्वारा दिया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में पोस्को एवं बेटी बचाओ बेटी पढाओ नारों के साथ साईकल रैली एवं बच्चों को यौन शोषण एवं संरक्षण अधिनियम से सम्बंधित जागरूकता एलईडी वैन को रवाना किया गया।