अंचल से लेकर डीएम ऑफिस तक लगा रही चक्कर,विवाहित होने का प्रमाण देने दर-दर भटक रही गुड़िया
पटना।शेखपुरा।: ढाई वर्ष के पुत्र को गोद में लेकर विधवा गुड़िया स्वयं को विवाहित होने का प्रमाण देने के लिए डेढ़ वर्ष से दर-दर भटक रही है। यह मुश्किल सरकारी सिस्टम और अपने ससुर,भैंसुर की मिलीभगत से हुए खेला की वजह से झेल रही है।शुक्रवार को गुड़िया अपने पुत्र को लेकर जिला पदाधिकारी के जनता दरबार में अपनी फरियाद करने पहुंची, मगर यहां भी किस्मत ने उन्हें साथ नहीं दिया और दिशा की बैठक होने की वजह से जनता दरबार भी स्थगित हो गया। यह मामला जिला के शेखोपुरसराय प्रखंड के अंबारी गांव का है।
ससुर और जेठ पर लगाया संपत्ति हड़पने का आरोप
गुड़िया ने बताया कि पति लालेश्वर यादव की मौत के बाद ससुर और भैंसुर ने हमारी संपत्ति हड़पने के लिए लालेश्वर के कुंवारे में ही मौत की बात प्रशासन को बता दी और मेरे पति के हिस्से की पैतृक संपत्ति अपने नाम करा लिया।इसको लेकर पिछले वर्ष गुड़िया ने अंचल अधिकारी से लेकर अपर समाहर्ता और जिला पदाधिकारी तक कई बार गुहार लगाई, मगर बिना सच्चाई जाने प्रशासन ने भी मृतक लालेश्वर को कुंवारा करार दे दिया।
लालेश्वर से शादी और उसके बच्चे की मां होने का प्रमाण गुड़िया ने अंचल से लेकर डीएम कार्यालय तक दिया, मगर उसकी अनसुनी कर दी गई। गुड़िया ने बताया इसको लेकर पटना उच्च न्यायालय में भी याचिका दाखिल किया, मगर उच्च न्यायालय ने प्रमंडलीय आयुक्त के पास वाद दायर करने का आदेश दिया। इसके बाद मुंगेर के प्रमंडलीय आयुक्त की अदालत में वाद 167/2023 दायर किया है।दाखिल खारिज में खुला राज गुड़िया के साथ आए उनके फूफा मनोज यादव ने बताया गुड़िया की शादी लालेश्वर के साथ 30 अप्रैल 2018 को हुई थी और उसके बाद 20 अक्टूबर 2020 को पति लालेश्वर यादव की मौत हो गई।
पति की मौत के बाद ससुराल में गुड़िया के साथ ससुर और भैंसुर अच्छा व्यवहार नहीं करने लगे तो गुड़िया ने अपने पति के हिस्से की पैतृक संपत्ति का दाखिल खारिज कराने का आवेदन अंचल कार्यालय में दिया।मगर वहां बताया गया लालेश्वर की संपत्ति तो पिता और बड़े भाई ने उसे कुंवारा बताकर पहले ही अपने नाम करा लिया है। इसके बाद गुड़िया अंचल से लेकर प्रमंडलीय कार्यालय की दौड़ लगा रही है।”