समस्तीपुर सदर अस्पताल में आई अल्ट्रासाउंड मशीन कार्टन में पैक,भटक रहे मरीज
समस्तीपुर। सदर अस्पताल को मॉडल अस्पताल में बदलने की कवायद को लेकर करोड़ों रुपए की लागत से निर्माण कराया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच की सुविधा अब तक शुरू नहीं हो पायी है। सदर अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए अल्ट्रासाउंड मशीन लगाई गई थी। लेकिन आज तक स्पेशलिस्ट की प्रतिनियुक्ति नहीं होने के कारण मशीन कार्टन में पैक हुआ रखा है। इस कारण अल्ट्रासाउंड जांच के लिए मरीजों को निजी नर्सिंग होम व जांच घरों पर निर्भर होना पड़ रहा है। यहां मरीजों का जमकर आर्थिक दोहन किया जा रहा है। सदर अस्पताल में पदस्थापित डॉ आरपी मंडल के उनके अनुभव को देखते हुए सिविल सर्जन द्वारा सोनोलॉजिस्ट के पद पर योगदान देने का निर्देश दिया गया था। हालांकि उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया था।
सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच नहीं होने से बाहर भटकते हैं मरीज कोरोना काल से पूर्व सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच की वयवस्था की गई थी। कुछ महीनों तक सब कुछ ठीक-ठाक चला। प्रतिनियुक्त डॉक्टर के सेवानिवृत व दूसरे डॉक्टर के ट्रांसफर होने के बाद से सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड जांच बंद है। सदर अस्पताल में हर रोज लगभग 40-50 मरीजों को अल्ट्रासाउंड जांच के लिए लिखा जाता है। इनमें अधिकांश गर्भवती महिलाएं होती हैं। जिन्हें जांच के लिए निजी जांच घरों की तरफ रुख करना पड़ता है। जहां उन्हें जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं कार्टन में रखे-रखे अल्ट्रासाउंड मशीन उपयोग नहीं होने की स्थिति में खराब होने के कगार पर है।
अल्ट्रासाउंड जांच के लिए लगातार विभाग के साथ पत्राचार किया जा रहा है। शौचालयों के टूटे-फूटे दरवाजों व नल की टोटी आदि संबंधित एजेंसी को लगाना है। – डॉ गिरीश कुमार, डीएस, सदर अस्पताल, समस्तीपुर