नए साल के स्वागत को लेकर बेगूसराय तैयार:नौलखा मंदिर और कांवर झील में खास तैयारी
Samastipur;बिहार के बेगूसराय में नए साल के स्वागत को लेकर पिकनिक स्पॉट और होटलों में विशेष तैयारी शुरू हो गई है। अंग्रेजी नव वर्ष के स्वागत को लेकर यूं तो हर कोई उत्साहित हैं, लेकिन युवाओं में कुछ अधिक ही उत्साह देखना को मिल रहा है। ऐसे में कांवर झील, पक्षी विहार, जयमंगला गढ़ के वन क्षेत्र और जिला मुख्यालय के नौलखा मंदिर परिसर में व्यापक तैयार चल रही है। नौलखा मंदिर में ब्रेक डांस, आकाशी झूला और ड्रैगन ट्रेन सहित बच्चों के मनोरंजन के उपाय करने के साथ मीना बाजार भी सजा जा रहे हैं।
1953 में शहर के विष्णुपुर मोहल्ले में महंत महावीर दास द्वारा बनवाया गया नौलखा मंदिर लोगों के आकर्षण का केंद्र रहता है। नव वर्ष के अवसर पर यहां लाखों लोगों की भी उमड़ती है। मंदिर का संगमरमर से बना चमकता गुंबद लोगों को आकर्षित करता है। 2023 की विदाई और नव वर्ष के स्वागत के अवसर पर होटलों में विशेष व्यवस्था की जा रही है। केडीएम और सेलिब्रेशन सहित अलग-अलग होटल में डिस्काउंट ऑफर भी दिया जाएगा। नव वर्ष का स्वागत पूजा अर्चना से हो, इसके लिए हरीगिरी धाम और काली स्थान भी तैयार है।
नांव भी तैयार
बिहार के एकलौते रामसर साइट, प्राकृतिक छटा से ओत-प्रोत एशिया में मीठे पानी के सबसे बड़े झील बेगूसराय में स्थित कांवर झील, पक्षी विहार और उसके बीच स्थित शक्तिपीठ जय मंगलागढ़ वन क्षेत्र, नववर्ष में पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार हो रहा है। जय मंगलागढ़ में मंदिर के आसपास बाजार सजाने की व्यवस्था चल रही है।
कांवर के मछुआरों ने अपने नाव को दर्शकों के लिए तैयार कर लिया है। सरकारी उपेक्षा के बाद भी कांटों के बीच अतीत की यादें परोसती कांवर झील प्रत्येक वर्ष एक जनवरी को पर्यटकों को लुभाती आ रही है। इस बार भी करीब दो लाख लोगों के आने का अनुमान है। रमणीक याद समेटे काबर झील पर्यटकों एवं स्थानीय लोगों बरबस ही खींच लाती है।
जयमंगला मंदिर भी पहुंचते हैं पर्यटक
झील में सूर्योदय के साथ कमल खिलना, मछलियों का तैरना, पेड़-पौधों और कलरव करते पक्षियों का झुंड, बंदरों के साथ हुड़दंग का मजा सब उठाना चाहते हैं। प्रकृति की अनुपम भेंट में संभावनाओं की प्रमाणिकता नववर्ष के अवसर पर पहुंचने वाली लाखों लोगों की भीड़ बयां करती आती है। प्रकृति की मनोरम छटा के बीच कांवर के बीच जयमंगला का मंदिर भी नए साल पर लोगों को बरबस खींच लाता है।
कांवर वन क्षेत्र में वनभोज का लुत्फ उठाने के लिए वर्ष के पहले दिन बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने का कारण है। कांवर से जुड़ी संस्था कांवर नेचर क्लब के संयोजक महेश भारती कहते हैं कि आज भी पर्यटक, झील में नौका विहार का आनंद उठाते के लिए बड़ी संख्या में आते हैं। पक्षियों का कलरव लोगों को आकर्षित करता है।