Tuesday, November 26, 2024
Samastipur

सर्द हवाओं के कारण तापमान में गिरावट,ठंड से जनजीवन बेदम, सर्द हवाओं ने बढ़ाया सितम

समस्तीपुर । मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। सर्द हवाओं के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की जा रही है। शीतलहर और ठंड के कारण जनजीवन बेहाल हैं। लोग कड़ाके की ठंड से जूझ रहे हैं। शनिवार को पूरे दिन आसमान में धुंध छाया रहा। सर्द हवाओं के सितम ने मौसम को और भी सर्द बना दिया। नए साल के पहले दिन मौसम का मिजाज पूरी तरह बदल गया है। दिसंबर माह के अंतिम सप्ताह तक जहां मौसम करवट लेते हुए गर्मी का अहसास दिला रही थी। वहीं अब भीषण ठंड का अहसास दिला रही है। कड़ाके की ठंड ने लोगों की दिनचर्या को पूरी तरह बदल दिया है। ठंड से बचने के लिए लोग शरीर को पूरी तरह गर्म कपड़ों में ढके रहे। इसके अलावे जगह-जगह अलाव जलाते नजर आए। घर या ऑफिस में कमरे को गर्म बनाए रखने के लिए इलेक्ट्रानिक उपकरणों का उपयोग किया जाता रहा। ठंड के कारण आम लोगों के साथ साथ पशु पक्षियों को भी कठिनाई हो रही है।

उजियारपुर: वर्ष 2022 की शुरुआत के पहले दिन शनिवार को ही ठंड ने अपना तेवर आक्रामक कर दिया। उजियारपुर प्रखंड का चौक-चौराहा दिन भर वीरान दिखा। कहीं-कहीं लोग अलाव तापते दिखे। दुकानदारों की बिक्री भी प्रभावित रही। सरकारी स्तर पर अलाव की व्यवस्था नदारद थी। बढ़ते ठंड के प्रकोप को देखते हुए पतैली पश्चिमी पंचायत के पूर्व मुखिया लालदेव सिंह, जदयू नेता वरुण साह, व्यवसायी योगेंद्र पोद्दार, सूरज नारायण सिंह, शिवशंकर साह, रोशन पोद्दार, रामबाबू साह, राजीव गुप्ता, गीता सबला आदि ने उजियारपुर स्टेशन सहित सातनपुर सातनपुर, गावपुर योगी चौक, महिसारी व मालती चौक आदि प्रमुख स्थानों पर अलाव की व्यवस्था करवाने की मांग की है।

 

अपने घरों में ही दुबके रहे लोग शिवाजीनगर संस : ठंड के कारण लोग अपने-अपने घरों में ही दुबके रहे। इसका सर्वाधिक असर मध्यम एवं गरीब तबके के लोगों पर पड़ता दिखा। अचानक ठंड के बढ़ जाने के कारण कम कपड़े वाले लोगों को ठंड का असर झेलना पड़ा। गरीब तबके के लोगों ने पुआल का गद्दा बनाकर तथा पुआल का रजाई बनाकर रात्रि में ठंड से बचाव करते रहे। लोगों ने पंचायत के हर एक गांव में सार्वजनिक स्थान पर अलाव जलाने की मांग की है। ठंड के कारण पशुओं को भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। कई किसानों ने बताया कि पशु के लिए एक तो हरा चारा का काफी काफी अभाव है और ऊपर से ठंड के कारण दुधारू पशुओं की दूध देने की क्षमता में काफी कमी आ गई है।

Kunal Gupta
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