Monday, November 25, 2024
Indian RailwaysPatna

रेलवे संघर्ष समिति कर रही थी प्रदर्शन तभी ट्रैक पर आई ट्रेन पटरियों के बीच लेटे प्रदर्शनकर्मी,ऊपर से 10 बोगियां निकलीं

patna के बिहटा रेलवे स्टेशन ट्रैक पर बुधवार को रेलवे संघर्ष समिति के कार्यकर्ता अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान ट्रेन आ गई। ट्रेन को आता देखकर प्रदर्शनकारी तो हट गए, लेकिन समिति के संयोजक पटरियों के बीचों-बीच लेट गए। इंजन समेत ट्रेन की 10 बोगियां उनके ऊपर से गुजर गईं, लेकिन उन्हें खरोंच तक नहीं आई।

 

 

रेलवे संघर्ष समिति के संयोजक चंदन कुमार वर्मा के साथ 40 से ज्यादा लोग बिहटा-औरंगाबाद रेलवे लाइन परियोजना शुरू कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे।इसी बीच, पटना-छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनल जाने वाली सुविधा एक्सप्रेस (82355) आ गई। इस ट्रेन का बिहटा स्टेशन पर स्टॉपेज नहीं था। वह रघुनाथपुर ही रुकती है। ट्रेन को ग्रीन सिग्नल मिला था। इसी वजह से ट्रेन अपनी रफ्तार में बढ़ने लगी।

 

लोगों ने शोर मचाया तो लोको पायलट ने ट्रेन रोकी।

प्रदर्शनकरियों का आरोप है कि यह रेलवे प्रशासन की लापरवाही है। प्रदर्शन की जानकारी रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन को पहले से दी गई थी। इस घटना की सूचना मिलने के बाद दानापुर रेल मंडल के एडीआरएम आधार राज, सीनियर DCM सरस्वती चंद्र, सीनियर DOM प्रभास राघव मौके पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से बात की। फिर रेलवे ट्रैक खाली कराया। इसके बाद से ट्रेन परिचालन शुरू कर दिया गया है।

 

 

ट्रेन गुजरने के बाद समर्थक पटरी पर चंदन के पास पहुंचे। लोगों ने महसूस किया कि उसकी सांस चल रही हैं। फिर लोगों ने उन्हें उठाया। घटना से आक्रोशित संघर्ष समिति के कार्यकर्ताओं ने रेलवे प्रबंधन के खिलाफ जमकर हंगामा किया। ट्रेन के लोको पायलट, स्टेशन मास्टर और रेलवे गार्ड को बर्खास्त करने की मांग भी की।

 

43 साल से लंबित है परियोजना

बिहटा-औरंगाबाद रेलवे लाइन परियोजना करीब 43 साल से लंबित है। तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने 2007 में पालीगंज में इसका शिलान्यास किया था, लेकिन आज तक इस परियोजना का काम एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाया है।रेलवे लाइन संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों लोग औरंगाबाद से 1 दिसंबर से पैदल चलकर बुधवार को बिहटा रेलवे स्टेशन पहुंचे थे। इन्होंने परियोजना की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक को जाम किया था।

 

किसके कहने पर चढ़ा दी ट्रेन

चंदन कुमार वर्मा ने कहा कि हम लोग मांग कर रहे थे। हमारे ऊपर से ट्रेन निकाल दी गई। यह किसके आदेश पर किया गया? सरकार से जानना चाहता हूं यह कैसे हुआ? अब तक फव्वारा चलता था, लाठियां चलती थीं। पहली बार ट्रेन चलवा दी गई है। लोकतंत्र की हत्या की जा रही है।

 

प्रदर्शन करने का तरीका ठीक नहीं

पूर्व मध्य रेल के CPRO वीरेंद्र कुमार ने कहा कि प्रदर्शन करने का यह तरीका बिल्कुल गलत है। स्टेशन से बाहर स्टार्टर सिग्नल के पास ये लोग प्रदर्शन कर रहे थे। सुविधा एक्सप्रेस के ड्राइवर ने ही ट्रेन को खुद से रोका था। प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए रेलवे के अधिकारी और स्थानीय प्रशासन की टीम वहां पहुंची है। पहले ही रेलवे के तरफ से इन्हें स्पष्ट कर दिया गया था उस रूट के सर्वे का काम अभी चल रहा है। सर्वे के बाद डीपीआर बनेगा और फिर प्रोजेक्ट पर काम होगा। इसकी जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Kunal Gupta
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