Samastipur;भागवत की प्राप्ति के लिए भगवान से प्रेम करना आवश्यक :साध्वी
Samastipur!विभूतिपुर प्रखंड के कापन में तीन दिवसीय श्री राम चरितमानस व गीता ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ हुआ। इसके दूसरे दिन श्री आशुतोष जी महाराज के परम शिष्या साध्वी सौम्या भारती द्वारा कथा प्रवचन व संकीर्तन के माध्यम से लोगों के बीच राम कथा के उपदेशों को विस्तार पूर्वक रखा गया। इसमें श्री राम कथा व भागवत कथा, आध्यात्मिक प्रवचन के माध्यम से जनमानस तक भागवत भजन में लीन होने और अपने अंदर के भगवान को पहचान की विस्तार पूर्वक चर्चा की।
प्रवचन के माध्यम से उन्होंने कहा कि लोग अपने शरीर के अंदर की चेतन को पहचान और समय रहते भक्ति करके अपने अंतर की शक्ति को पहचान ले ताकि उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति हो सकती है। आज इस दौड़ में जिंदगी में लोग शांति और सुख प्राप्त करने के लिए सब कुछ करते हैं लेकिन उन्हें सुख और शांति की प्राप्ति नहीं होती है। सुख और शांति प्राप्त करने के लिए भागवत के प्रेम आवश्यक है। इसके लिए गुरुदेव की शरण में जाकर उन्हें शरणागत होने और भगवान की भक्ति, शक्ति और अपने अंदर में बैठे भगवान को पहचान की आवश्यकता है।
तब उन्हें सुख और शांति प्राप्त होगी। उन्होंने मीरा प्रहलाद द्रोपदी सहित अन्य भक्तों की चर्चा करते हुए कहा कि भगवान भक्तों के कष्ट को क्षण में नष्ट कर देते हैं। इसके लिए उसे उस प्रकार की भक्ति चाहिए, श्रद्धा चाहिए,प्रेम चाहिए, प्रेम और श्रद्धा के लिए भगवान को पहचानने की आवश्यकता है।