नाती-नातिन का पता नहीं,बेटी गायब,सास-ससुर और पति फरार,SI फोन तक नही रिसीव नही करता,जाने पुरा मामला
Patna निवासी गणेश ठाकुर की बेटी आशा कुमारी का 15 दिनों से कुछ पता नहीं चल रहा है। बेटा-बेटी की भी तलाश की जा रही है। वहीं, आशा के पिता का आरोप है कि ससुरालवालों ने बेटी को मारकर शव को गायब कर दिया है। घटना के बाद से सास-ससुर और पति फरार है। बच्चों को भी गायब कर दिया गया है, शिकायत के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
2016 में बेटी ने किया था प्रेम विवाह
आशा ने साल 2016 में मुजफ्फरपुर के देवरिया थाना क्षेत्र के धरफरी टोला निवासी शंभु राय के साथ प्रेम विवाह किया था। वैवाहिक जीवन अच्छा चल रहा था, लेकिन अचानक पारिवारिक कलह के कारण आशा के साथ ससुराल वालों ने मारपीट करना शुरू कर दिया। इस बात की जानकारी पटना में रह रहे पिता को लगी और किसी तरह समझा बुझाकर मामले को शांत कराया। कुछ दिन सब ठीक रहा, उसके बाद फिर से मामला बिगड़ गया।
परिजनों को 24 अक्टूबर 2023 को बेटी की मौत की खबर मिली। जानकारी मिलते ही पिता समेत अन्य परिजन उसके ससुराल पहुंचे। लेकिन कुछ पता नहीं चला, आखिर हुआ क्या है। पिता गणेश ठाकुर का कहना है सूचना मिली थी कि मेरी बेटी ने फांसी लगा ली है। अगर मेरी बेटी फांसी लगाई थी, तो लाश मिलनी चाहिए। लेकिन हम लोग जब पहुंचे तो वहां ना बेटी थी और ना लाश मिली। मेरे नाती-नातिन को भी गायब कर दिया। पुलिस भी कुछ नहीं कर रही है।
मेरी बेटी को मार डाला
बदहवास पिता आज भी उसी इंतजार में है कि बेटी आशा जीवित है। उनका कहना है कि अगर मेरी बेटी को मार दिया है तो, ये लोग नाती-नातिन को भी मार देंगे। न्याय की आस में पीड़ित पिता बिहार के DGP, तिरुहत प्रक्षेत्र पुलिस महानिरीक्षक, मुजफ्फरपुर एसपी, सरैया डीसपी को भी पत्र लिख चुके हैं।
मेरी बेटी के साथ मारपीट भी करते थे
पिता का कहना है कि दबी जुबान में ग्रामीणों का कहना है कि आशा के देवर श्री राय, देवर सोनू राय और सास मीना देवी ने घटना के दो दिन पहले उसके साथ मारपीट की थी। घटना के वक्त आशा की बेटी रोशनी(5), पुत्र बिट्टू(2) और विशाल(10 माह) भी वहां मौजूद था। इस घटना की चश्मदीद पांच वर्षीय बेटी रोशनी है। आशा की हत्या के बाद ससुराल वाले शव को बोलेरो में डालकर गांव से दूर ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया।
मेरी नातिन को सब पता है
गणेश ठाकुर का कहना है कि आसपास के लोगों से पता चला कि मेरी नातिन को घटना के बारे में सब पता है, लेकिन उसकी दादी ने उसे कहीं छिपा दिया है। मेरे दामाद ने भी एक बार कॉल किया था, कहा कि मेरी पत्नी और बच्चों का कुछ पता नहीं चल रहा है। इस पर मैंने उसे कहा कि मुझसे मिलो एक बार, लेकिन उसने मना कर दिया। दामाद का कहना है कि आप लोगों ने केस कर दिया है, हम आएंगे पुलिस पकड़ लेगी। उसको अपनी गिरफ्तारी की चिंता है, लेकिन मेरी बेटी और नाती-नातिन की नहीं।
मामले की जांच की जा रही है
देवरिया थाना अध्यक्ष सरोज कुमार के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है। डीएसपी ने खुद मौके पर जाकर जांच-पड़ताल की है। गांव के लोगों का कहना है कि आशा ने फांसी लगा ली। मौत के बाद परिजनों ने उसका दाह-संस्कार कर दिया। जब इस मामले में लोगों से पूछताछ करने की कोशिश की जाती है बताने से पीछे हट जाते हैं। जिससे कि अनुसंधान में देरी हो रही है। घटना के दिन से ही आशा के सास पति समेत परिवार के सभी सदस्य फरार हो गए। उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है।
घटना को 15 दिन से अधिक हो गए लेकिन पुलिस ना तो आशा को ढूंढ पाई है और ना ही तीनों बच्चो को। सवाल यह है की घटना के बाद ससुराल पक्ष के लोग मौके पर मौजूद थे, तो पुलिस ने उन लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में क्यों नही लिया। तीन बच्चों को ससुराल पक्ष के लोग लेकर भाग गए या कोई और। आरोपी पति शंभू राय का मोबाइल नंबर 9006658465 कुछ दिन पहले चालू था। उस पर पुलिस जांच क्यों नही कर रही है।वहीं, जब केस के आईयो राम विनय कुमार को फोन किया गया तो कॉल उठाना तो दूर कॉल बैक करना भी जरूरी नहीं समझा।