आखिरी विदाई ऐसी भी,पटना के मोइनुल हक स्टेडियम का किया जा रहा शृंगार; जानिए वजह।
पटना। 52 साल के बिहार के एकमात्र अंतरराष्ट्रीय मोइनुल हक स्टेडियम से कई सुनहरी यादें जुड़ी हैं। विश्व कप समेत पांच अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच, एशियन स्कूली फुटबाल चैंपियनशिप का यह स्टेडियम गवाह रह चुका है। फिलहाल इस स्टेडियम का अंतिम शृंगार किया जा रहा है। बीसीए के सात ग्राउंड्समैन और स्टेडियम प्रबंधक का चार सदस्यीय दल मैदान की साफ-सफाई और ड्रेनेज को दुरुस्त करने में लगे हैं। स्टेडियम को आखिरी बार संवारने में वे कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते, क्योंकि उन्हें मालूम है कि अगले साल इसे तोड़कर यहां बहुउद्देशीय अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम की नींव पड़ेगी। सचिन, विराट, धौनी बनने का सपना देखने वाले प्रदेश के क्रिकेटरों की उम्मीदें परवान चढ़ेंगी।
बीसीए का लगेगा कैंप, होंगे घरेलू मुकाबले
कोरोना के कारण पिछले साल जंगल में तब्दील हो चुके स्टेडियम को नया जीवन देने का काम ग्राउंड्समैन मंटू और उनकी टीम ने किया था। इस बार यहां बीसीसीआइ के घरेलू टूर्नामेंट से पूर्व बिहार पुरुष व महिला टीम के कैंप लगेंगे। मैचों की मेजबानी भी मिल सकती है। इसलिए पहले मैदान में उगी फालतू घास को काट कर उसे समतल बनाया गया है। बाउंड्री के बाहर अब भी जंगली घास की कटाई की जा रही है। लगातार हो रही बारिश से मैदान के चारों ओर बने नाले से पानी निकलने में दिक्कत हो रही है। इसके लिए 24 घंटे नगर निगम के पंप लगे हुए हैं। कैंप और मैचों के लिए पांच विकेट का निर्माण किया जा चुका है।
आइपीएल और अंतरराष्ट्रीय मुकाबले होंगे
बहुउद्देशीय अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनने के बाद मोइनुल हक स्टेडियम को आइपीएल और अंतरराष्ट्रीय मैचों की मेजबानी मिलेगी। हालांकि, इसे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आइसीसी) और बीसीसीआइ के मापदंड पर खरा उतरना होगा। इसमें सुरक्षा, आवागमन और मैदान में सुविधा शामिल है। क्रिकेट के साथ स्टेडियम परिसर में नौ और खेलों के मैदान बनने से बिहार को नियमित रूप से राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं की मेजबानी मिलेगी। नेशनल गेम्स की मेजबानी का सपना भी साकार होगा।
बोले, क्रिकेट के दिग्गज
पूर्व रणजी क्रिकेटर और बीसीसीआइ के पिच क्यूरेटर राजू वाल्स ने कहा कि छोटे सेंटर पर बड़े मुकाबले में भीड़ जुटती हैं। यह रांची में देख चुके हैं। बिहार में भी वनडे, टी-20 और आइपीएल मुकाबले होने से भीड़ तो जुटेंगी ही। टेस्ट मैचों में भी स्टेडियम खचाखच भरे रहेंगे। इसका फायदा बिहार सरकार को होगा। वरीय विजी ट्राफी क्रिकेटर सौरव चक्रवर्ती ने कहा कि दैनिक जागरण ने पिछले साल खेल दिवस से पूर्व स्टेडियम की बदहाली पर रिपोर्ट छापी थी। एक साल बाद खेल दिवस से ठीक पूर्व मुख्यमंत्री ने इसके वनवास को खत्म कर बहुउद्देशीय अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम बनाने के लिए हरी झंडी दिखाई है। अब अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम के निर्माण और मैच का इंतजार है।
यादों में मोइनुल हक स्टेडियम
1969 में मोइनुल हक स्टेडियम का निर्माण बहुउद्देश्यीय आयोजन के लिए हुआ था
17 से 19 नवंबर 1976 को यहां भारत और वेस्टइंडीज की महिला टीमों के बीच तीन दिवसीय टेस्ट खेला गया
महिलाओं का पहला एक दिवसीय मैच 5 जनवरी 1978 को भारत और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया
22 दिसंबर 1997 को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच आखिरी महिला वनडे मैच हुआ
15 नवंबर 1993 को ङ्क्षजबाब्वे और श्रीलंका के बीच यहां पहला पुरुष वनडे हीरो कप अंतरराष्ट्रीय मैच हुआ। श्रीलंका ने इस मैच को 55 रन से जीता था।
1996 में जिंबाब्वे और केन्या के बीच विश्व कप के मुकाबले यहां दो दिन में खेले गए। 26 फरवरी को बारिश के कारण पिच पर पानी आ जाने से मैच एक दिन के लिए टाल दिया गया। 27 फरवरी को मैच हुआ और ङ्क्षजबाब्वे ने केन्या को 5 विकेट से हराया।
1996 में ही यहां एशियन स्कूली फुटबाल चैंपियनशिप हुई।
1996 में निर्मित स्वर्ण जयंती पवेलियन की छत को विश्व कप के दौरान तूफान उड़ाकर ले गई, जो अब तक नहीं बनी।
25 हजार दर्शकों के बैठने की क्षमता वर्तमान समय में इस स्टेडियम की है।