Monday, November 25, 2024
Samastipur

Samastipur News:पैक्स अध्यक्षों का फर्जीवाड़ा,आईडी पासवर्ड को हैक कर राइस मिल को लगाया 30 लाख का चूना

Samastipur News: सहकारिता विभाग में एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आ रहा है. बताया जा रहा है कि विभाग के पोर्टल पर एक राइस मिल के आईडी पासवर्ड को हैक कर इस गड़बड़झाला को अंजाम दिया गया है. जिससे उस राइस मिल को करीब 30 लाख रुपये का नुकसान हुआ है. मामला समस्तीपुर के बासुदेवपुर स्थित कृतिका राइस मिल प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा है. जिससे कल्याणपुर एवं वारिसनगर प्रखंड के आधा दर्जन पैक्स अध्यक्षों ने चावल (सीएमआर) लेकर उसके बदले में मिल से बिना धान दीये ही फर्जी तरीके से प्राप्ति का ऑनलाइन रिसीविंग भी ले लिया है. घटना के बाद ठगी के शिकार हुए कृतिका राइस मिल के संचालक बिमल कुमार केडिया न्याय के लिए पिछले ढाई महीने से दर-दर भटक रहे हैं. उन्होंने इसकी शिकायत समस्तीपुर के जिलाधिकारी, डीडीसी, जिला सहकारिता पदाधिकारी के साथ-साथ बिहार स्टेट फूड एंड सिविल सप्लाईज कॉरपोरेशन लिमिटेड पटना, फूड एंड कंज्यूमर प्रोटक्शन डिपार्मेंट एवं साइबर थानाध्यक्ष से भी की है.

 

 

 

6 पैक्स को किया जा रहा आरोपित :

आरोप है कि 36 पैक्स में से 6 पैक्सों ने चावल लेने के बाद मिल को धान उपलब्ध नहीं कराया. जब मिल संचालक ने इसकी शिकायत विभागीय अधिकारियों से की तो 11 अगस्त 2022 को कोऑपरेटिव बैंक के एमडी के चेंबर में एक मीटिंग बुलायी गयी. जिसमें सभी पैक्स को 14 अगस्त तक कृतिका राइस मिल को शेष धान देने का आदेश दिया गया. लेकिन किसी पैक्स ने ना तो धान दिया और ना ही मिल प्रबंधन से इसको लेकर संपर्क किया. जिन आधा दर्जन पैक्स पर धान नहीं देने का आरोप है उनमें नामापुर पैक्स, सोमनाहा पैक्स, सिमरिया भिंडी पैक्स, सैदपुर पैक्स, पुरुषोत्तमपुर पैक्स एवं बरहेता पैक्स का नाम शामिल है. बताया जाता है कि कुछ पैक्स अध्यक्षों ने मिल संचालक को आपस में बैठकर मामले का निपटारा करने का आश्वासन दिया, तो कुछ ने देख लेने की धमकी भी दी है. मिल संचालक ने इस घटना के पीछे विभागीय अधिकारियों के हाथ होने की आशंका भी जातायी

 

 

 

ऐसे सामने आया मामला :

व्हाट्सएप ग्रुप पर मिल संचालक को जब धान नहीं देने वाले पैक्स अध्यक्ष ने थैंक्स लिखा तो संचालक को कुछ आशंका हुआ. संचालक ने अपने शंका को दूर करने के लिए पोर्टल को लॉगिन किया तो देखा कि उन सभी पैक्स का धान पोर्टल पर रिसीव दिखाया जा रहा है, जिन्होंने मिल को धान नहीं दिया था. तब उन्हें लगा कि उनके साथ गड़बड़ी की गयी है. जिसमें उन्हें करीब 30 लाख से अधिक रुपए का नुकसान हो गया है. इसके बाद विभागीय अधिकारियों का चक्कर लगा कर थक चुके मिल संचालक ने इस लाखों रुपए के धान की ठगी की लिखित शिकायत साइबर थाना में की. लेकिन आश्चर्य की बात है कि शिकायत के दो महीने गुजर जाने के बाद भी साइबर थाना जांच में ही जुटी है. एफआईआर तक दर्ज नहीं की गयी है.

 

 

मिल से चावल लेकर पैक्स को देना है धान :

राइस मिल संचालक के अनुसार मिल को पहले अपना धान कूटकर चावल (सीएमआर) पैक्स अध्यक्ष को उपलब्ध कराना होता है. पैक्स उस चावल को बिहार राज्य खाद्य निगम को देता है, जो बाद में जनवितरण के माध्यम से आम लोगों को दिया जाता है. इस चावल के एवज में पैक्स अध्यक्ष राइस मिल को धान उपलब्ध कराते हैं. बिहार सरकार ने इसके लिए एक पोर्टल बना रखा है, इसका लॉगिन आईडी पासवर्ड राइस मिल को दिया गया है. पैक्स का धान फैक्ट्री आने पर मिल प्रबंधन उसी पोर्टल पर लॉगिन कर ऑनलाइन अप्रूव्ड कर पैक्स को रिसीविंग देता है. इसके लिए कृतिका राइस मिल का कल्याणपुर एवं वारिसनगर के 36 पैक्स के साथ इकरारनामा है.

 

क्या कहते हैं मिल संचालक :

मैंने अपने साथ हुए इस फ्रॉड की शिकायत जिलाधिकारी के साथ डीडीसी, एडीएम एवं कॉपरेटिव से जुड़े सभी अधिकारियों के साथ साथ साइबर थाना से की, लेकिन आजतक कुछ नहीं हुआ. डीसीओ कुछ कर नहीं रहे हैं. मेरा लाखों का नुकसान हो गया है. कुछ पैक्स अध्यक्ष धमकी भी देता है. मजबूरन अब मैं न्यायालय के शरण में जा रहा हूँ.

बिमल कुमार केडिया, प्रोपराइटर, कृतिका राइस मिल प्रा.लि.

 

क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी :

यूजर आईडी और पासवर्ड सम्बंधित राइस मिल का निजी था, उसके चोरी होने या हैक होने से बचाने की जिम्मेदारी भी मिल संचालक की ही है. वैसे मिल संचालक के शिकायत पर मामले में जांच का आदेश दिया जा रहा है.

नवल किशोर रजक, प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी, समस्तीपुर

 

क्या कहते हैं साइबर थानाध्यक्ष :

मामले की लिखित शिकायत मिली है. इसमें जांच चल रही है. जाँच रिपोर्ट आने के बाद ही बताया जा सकता है कि मिल संचालक का पासवर्ड सही में कोम्प्रोमाईज़ हुआ है भी या नही.

अमित कुमार, डीएसपी सह साइबर थानाध्यक्ष, समस्तीपुर

Kunal Gupta
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