Chandra Grahan;चंद्रग्रहण पर इन बातो का रखें ध्यान, सूतक से पहले करें ये 5 काम,ज्योतिषी से जानें सब
धर्म।Chandra Grahan 2023 :सर्वेश श्रीवास्तव/अयोध्या: वैदिक ज्योतिष गणना के अनुसार साल 2023 का अंतिम और दूसरा चंद्र ग्रहण 28 अक्टूबर को रात्रि 1:04 से प्रारंभ होकर 1:44 पर समाप्त होगा. वैज्ञानिक दृष्टि से चंद्र ग्रहण लगने की घटना को खगोलीय घटना माना जाता है. वहीं धार्मिक दृष्टि से इसे बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. चंद्र ग्रहण के पहले सूतक काल लगता है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 30 साल बाद शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण लग रहा है जो भारत में दिखाई देगा. चंद्र ग्रहण के 9 घंटे पहले सूतक काल लगता है तो वहीं सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है.
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि 28 अक्टूबर को रात्रि 1 बजकर 4 मिनट पर चंद्र ग्रहण लग रहा है जो 1 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा. हालांकि सूर्य ग्रहण में 12 घंटे पहले सूतक का काल लगता है तो चंद्र ग्रहण में 9 घंटे पहले सूतक काल लगता है. जब सूर्य ग्रहण लगता है तो कलयुग की 5000 वर्ष की आयु घट जाती है. जब चंद्र ग्रहण लगता है तो ढाई हजार वर्ष कलयुग की आयु घटती है.
क्या है मंदिर के कपाट बंद करने का कारण?
चंद्र ग्रहण के दौरान 9 घंटे पहले सूतक काल लगता है. उस दौरान घर के मंदिर अथवा पूजन के स्थान पर एक पर्दा डालना चाहिए. प्रतिमा का स्पर्श करने से बचना चाहिए. इसके साथ ही घर में बैठकर मंत्रों का जाप करना चाहिए. चंद्र ग्रहण के दौरान अगर यज्ञ हवन किया जाता है तो उसका कई गुना फल प्राप्त होता है. 30 वर्षों के बाद शरद पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण लग रहा है. ऐसी स्थिति में चंद्र ग्रहण के दौरान घर के मंदिर और पूजन पाठ को 9 घंटे पहले बंद कर देना चाहिए.
सूतक काल में बढ़ जाता है आसुरी शक्तियों का प्रभाव
धार्मिक ग्रंथों में चंद्र ग्रहण से जुड़े कई नियमों का वर्णन भी किया गया है. मान्यता है कि इस दौरान पूजा-पाठ, भगवान की मूर्तियों का स्पर्श, ग्रहण के दौरान सोना इत्यादि कार्य वर्जित होता हैं. इस दौरान मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं. वहीं घर में मौजूद पूजा स्थल को भी वस्त्र से अच्छी तरह ढक दिया जाता है. मान्यता है कि किसी भी ग्रहण के दौरान आसुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है और दैवीय शक्तियां कम हो जाती हैं. इसलिए ग्रहण काल में मौन अवस्था में मंत्रों का उच्चारण किया जाता है और भगवान का ध्यान किया जाता है.
घर में हो मंदिर तो सूतक काल के दौरान से पहले इन बातों का दें ध्यान
1, सूतक से पहले मंदिर की सफाई करनी चाहिए.
2 सूतक से पहले घर के मंदिर में संध्या आरती करनी चाहिए
3 यदि संभव हो तो सूतक काल लगने से पहले भगवान का पूरा भोग लगाना चाहिए.
4 सूतक काल शुरू होने से पहले मंदिर के कपाट बंद कर देना चाहिए और बाद में किसी भी स्थिति में कपाट नहीं खोलना चाहिए.
5. लड्डू गोपाल के पास तुलसी का पत्ता और जल जरूर रखना चाहिए.
(नोट: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष के मुताबिक है )