चिराग पासवान ने कहा ,ऐसा कोई सगा नहीं जिसको मुख्यमंत्री ने ठगा नहीं,सीएम को पलटने की पुरानी आदत
पटना.लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान आज दिल्ली से पटना पहुंचे। पटना पहुंचते ही चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधा। नीतीश कुमार का बीजेपी प्रेम जाग रहा है, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पलटने की पुरानी आदत है। महामहिम राष्ट्रपति के सामने सीएम को यह सब बातें दिखाई दे रही थी।
उन्होंने एक के बाद अपने ही नेताओं को हाशिए पर डाल दिया है। लोगों ने सही कहा है ऐसा कोई सगा नहीं जिसको मुख्यमंत्री ने ठगा नहीं। इसी का नतीजा है कि जेडीयू तीसरे नंबर की पार्टी बनकर रह गई है। आगामी लोकसभा चुनाव में इनका खाता भी नहीं खुलेगा।
सीएम किस चीज का क्लास देंगे
मंत्री अशोक चौधरी का बयान भाजपा को प्रतिदिन 2 घंटे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीख लेनी चाहिए। इस पर चिराग ने कहा कि किस चीज का क्लास मुख्यमंत्री जी देंगे। कैसे बार-बार दल बदला जाए, बिहार को कैसे बर्बाद किया जाए? मुख्यमंत्री का एक गुण तो बताएं कि कौन सा ज्ञान देना चाहते हैं? जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान पर कहा कि नमो नाम से इनको आपत्ति क्यों हैं?
आरजेडी के पूर्व सांसद रहे शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा की गिरफ्तारी पर चिराग ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।
सख्त कार्रवाई होनी चाहिए
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। जिस पर चिराग पासवान ने कहा कि यह गंभीर विषय है। मामले की जांच चल रही है। हमलोग अपने क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए सवाल उठाते हैं। प्रलोभन के बदले सवाल उठाया जाए, इसमें कई साक्ष्य भी सामने आए हैं। सांसद पर बड़ी जिम्मेवारी होती है। आप एक बड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। कैश के बदले सवाल पूछना उन लोगों के साथ अन्याय है। जिन्होंने आप पर विश्वास कर संसद में भेजा है। अगर यह सही है तो सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
सांसद के ऊपर बड़ी जिम्मेवारी होती है
चिराग ने कहा कि संभवत जिस व्यक्ति विशेष का नाम आ रहा था। उन्होंने भी सामने प्रस्तुत होकर इस बात की हामी भरी है कि इस तरह के प्रलोभन दिए गए थे। जिसके बदले यह सवाल उठाए थे। यही नहीं वह पोर्टल जिसका आईडी पासवर्ड सांसद के पास होता है यह लोगों के साथ शेयर किया गया। जो सांसद होता है उसके ऊपर बड़ी जिम्मेवारी होती है, आप एक बड़े वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं। कैश के बदले सवाल पूछना उन लोगों के साथ अन्याय है। जिन्होंने आप पर विश्वास कर भारत की संसद में भेजा है। अगर यह सही है तो सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।