पटना की अनोखी शादी:दो जजों ने संविधान की ली शपथ, सिंदूरदान न सात फेरे और डाल दी वरमाला
पटना। आपने बिना दान-दहेज की सादगीपूर्ण शादियां तो कई देखी होंगी, लेकिन यहां मामला जरा हटकर है। हम बात कर रहे हैं पटना के आम्रपाली रेस्टोरेंट में हुई दो जजों की शादी की। सोमवार को उन्होंने बगैर परंपरागत रीति-रिवाज के संविधान की शपथ लेकर शादी की। इसमें पंडित न बैंड बाजा और न ही बाराती दिखे। कन्यादान, सिंदूरदान व अग्नि के सात फेरे की रस्में भी नहीं हुईं। खगडि़या व्यवहार न्यायालय में जज आदित्य प्रकाश तथा पटना व्यवहार न्यायालय में जज आयुषी कुमारी की पटना में हुई इस शादी की खूब चर्चे हो रहे हैं।
कम खर्चे में आदर्श विवाह करने का किया फैसला
खगडि़या व्यवहार न्यायालय में जज आदित्य प्रकाश वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर के युसूफपुर के रहने वाले हैं। पटना व्यवहार न्यायालय में जज आयुषी कुमारी पटना के फुलवारीशरीफ स्थित पूर्णेन्दू नगर की निवासी हैं। दोनों ने कम खर्चे में आदर्श विवाह करने का फैसला लिया। इसमें पारिवार ने भी साथ दिया।
बैंड बाजा न बारात, दिन में हुई सादगीपूर्ण शादी
परंपरागत शादियाें के हटकर यह शादी दिन में हुई। ऐसा करने से बिजली की सजावट आदि के खर्चे बच गए। सादगी के साथ संपन्न इस विवाद में दोनों पक्षों के निकट के सौ लोग शामिल हुए, जिनके लिए खान-पान की व्यवस्था की गई। इसमें बैंड-बाजा नहीं था। बारात का कोई बड़ा ताम-झाम नहीं था। यह दान-दहेज रहित विवाह था।
दूल्हा-दुल्हन ने पढ़े शपथ पत्र, फिर जयमाला
शादी में दूल्हा व दुल्हन ने शपथ पत्र पढ़े, फिर एक-दूसरे के गले में जयमाला डाले। पहले दुल्हन ने शपथ पत्र पढ़ा। इसके बाद दोनों ने एक साथ शपथ पत्र पढ़ा। जयमाला के बाद दूल्हे ने शपथ ली कि वे अपनी पत्नी को सिंदूर का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन के रूप में करने का अधिकार देते हैं।
शादी की अब खूब चर्चे, लोग कह रहे-वाह-वाह
मीडिया में इस शादी की खबर आने के बाद अब इसकी खूब चर्चा हो रही है। पटना की योग प्रशिक्षक पूनम कुमारी कहती हैं कि दोनों जजों ने समाज के सामने उदाहरण पेश किया है। पटना के शिक्षक डा. रंजन सिंह एवं सुरेश राय के अनुसार इस शादी से परंपरा व प्रतिष्ठा के नाम पर शादियों में होने वाली बर्बादी रोकने के लिए लोगों को प्रेरणा मिलेगी। खगड़िया व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता अमिताभ सिन्हा ने कहा कि बिहार में जब कोई युवा पद पर आता है तो उसकी व परिवार की दहेज की मांग बढ़ जाती है, लेकिन एक न्यायिक दंडाधिकारी होने के बावजूद दहेज मुक्त विवाह सराहनीय कदम है। इससे बिहार की छवि बदलेगी। खगड़िया व्यवहार न्यायालय में अधिवक्ता रेखा कुमारी ने उम्मीद जताई कि इस उदाहरण से समाज में बदलाव आएगा, यह बदलाव जरूरी भी है।