दलसिंहसराय मे सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन,पहले दिन आचार्य संजय ने कथा के महत्व के बारे मे बताया
दलसिंहसराय।नगर परिषद क्षेत्र के भटगामा स्थित शिक्षा विहार कोचिंग संस्थान के प्रांगण में सुशांत चन्द्र मिश्र के आवास पर सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का भव्य आयोजन किया गया.वैदिक पूजन एवं स्वस्ति वाचन के बीच जयकारे के साथ मानस मर्मज्ञ, प्रखर वक्ता तथा नि: स्वार्थ भाव से वाचक आचार्य संजय शास्त्री जी महाराज ने अपने उद्बोधन में कहा कि जन्म जन्मांतर के पुण्य का फल है श्रीमद्भागवत कथा आयोजन किया जाना. इस विचित्र सामाजिक परिवेश में कोई व्यक्ति सम्पूर्ण समाज के कल्याणार्थ श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन कराए,वह व्यक्ति निश्चित रूप से सम्मानित करने योग्य हैं,वह व्यक्ति अगर युवा हैं तब तो यह विशुद्ध ईश्वरीय वरदान है कि वह व्यक्ति श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन करा रहा है.
वास्तव में कोई व्यक्ति चाहकर भी कथा नहीं करवा सकता जबतक ईश्वरीय कृपा नहीं होगा.हम सभी इस साहसी पहल के लिए आयोजक को साधुवाद देते हैं,और ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि यह कथा न सिर्फ स्थानीय लोगों के हितकारी हो वरण सम्पूर्ण समाज और राष्ट्र के लिए फलदाई हो.
अपने उद्बोधन में आचार्य जी ने विस्तार से कथा के नियम एवं फलाफल पर बताया कि कथा करवाने से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं कथा का श्रवण और मनन वरना वो फलदाई नहीं होगा.इस कथा की शुरुआत सबसे पहले महर्षि नारद जी ने बद्री नारायण क्षेत्र में कार्तिक मास में अक्षय नवमी को किया था.और तब से आज तक लाखों लोगों ने कथा का आयोजन कर अपने तथा अपने पूर्वजों का उद्धार किया.
कथा के शुभारंभ में गोपाल राय, नंदकिशोर सिंह, डॉ अरुण कुमार झा, दिलीप कुमार चौधरी, दिगम्बर झा,वरुण कुमार झा, वीरेंद्र झा,अजय शंकर मिश्र, प्रफुल्ल चंद्र मिश्र, जितेंद्र मिश्र,मनीष कुमार, प्रिति प्रियदर्शिनी,प्रो.पी.के.झा”प्रेम”,रागिनी झा,सुप्रिया कुमारी सहित सैकड़ो ग्रामीण मौजूद थे.