बूढ़ी गंडक से जुड़ेगी बागमती,’शांतिधार’ योजना को सरकार की मंजूरी,किसानों की चमकेगी किस्मत
बूढ़ी गंडक से जुड़ेगी बागमती।समस्तीपुर में बागमती नदी से बूढ़ी गंडक को जोड़ा जाएगा। इससे दरभंगा एवं समस्तीपुर के लोगों को बाढ़ से निजात मिलेगी। साथ ही सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इतना ही नहीं, जिले के पांच प्रखंडों में होने वाले पेयजल संकट की समस्या भी दूर होगी।
इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में पिछले मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में जल संसाधन विभाग के बागमती-शांतिधार-बूढ़ी गंडक लिंक परियोजना को मंजूरी दे दी गई है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद इस परियोजना को लेकर विभागीय कार्रवाई तेज कर दी गई है।
हर साल बागमती का झेलना पड़ता कहर
बता दें कि बागमती नदी कल्याणपुर प्रखंड से होकर गुजरती है और हायाघाट में करेह में जाकर मिल जाती है। बागमती के कारण कल्याणपुर प्रखंड की कई पंचायतें हर साल बाढ़ से प्रभावित होती है।
वहीं, दूसरी ओर कल्याणपुर के साथ ही वारिसनगर, खानपुर, शिवाजीनगर आदि प्रखंडों में सिंचाई की सुविधा नही रहने से किसानों को निजी बोरिंग पर निर्भर रहना पड़ता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि कल्याणपुर से रोसड़ा तक के इलाके में भू-जल स्तर भी काफी नीचे चला जाता है। कई जगहों पर जलजमाव के कारण भी फसलें नहीं लग पाती है।
जल संसाधन विभाग ने इस क्षेत्र के लोगों की इस बड़ी समस्या से निजात को लेकर बागमती को बूढी गंडक से जोड़ने की योजना बनाई है, जिसकी स्वीकृति राज्य सरकार ने भी दे दी है।
इन गांवों से होकर गुजरेगी यह परियोजना
बागमती-शांतिधार- बूढी गंडक लिंक परियोजना कल्याणपुर के सोरमार बघला स्थित एमएफडीआर कॉलेज के निकट बागमती नदी से निकलकर भुस्कौल, घोघराहा, नीमा चकहैदर, नीमा पोखर, जटमलपुर शिव मंदिर से दक्षिण समस्तीपुर-दरभंगा स्टेट हाईवे को पार करते हुए बलुआहा, रतवारा, पकड़ी से होकर गुजरेगी।
इसके अलावा कोईलवन, डरसूर, कोयलाम शिवमंदिर, गुमला हनुमान मंदिर, बलीपुर, बलीपुर काली मंदिर, भादोघाट राधाकृष्ण मंदिर, मधुरापुर, पुनवा, रहटौली, श्रीपुर गाहर, दुर्गा मंदिर गुदारघाट, बंधार, शिवपुर मेघपट्टी, शादीपुर, सेदुखा समेत कई इलाकों से होकर गुजरेगी।
परियोजना के लिए करीब 121 करोड़ की मंजूरी
इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए राज्य सरकार ने 120 करोड़ 96 लाख 11 हजार रुपये की स्वीकृति दी है। इससे दरभंगा के हायाघाट, बहेड़ी के साथ कल्याणपुर प्रखंड में हर साल बाढ़ से होने वाली परेशानी से जहां राहत मिलेगी तो वहीं, वारिसनगर, खानपुर, शिवाजीनगर और रोसड़ा प्रखंड के लोगों को सिंचाई सुविधा भी मिल जाएगी।
इस नदी में हमेशा पानी की उपलब्धता रहेगी। बाढ़ पर नियंत्रण और पानी को रोककर रखने के लिए 15 हजार क्यूसेक जल क्षमता वाले एंटी फ्लड स्लूस गेट का भी निर्माण कराया जाएगा। इससे पांच प्रखंडों में भू-जल रिचार्ज होता रहेगा। इससे पेयजल संकट भी कम होगा।
इस कार्य को बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल, दरभंगा एवं कार्यपालक अभियंता जल निस्सरण विभाग, समस्तीपुर के द्वारा संयुक्त रुप से कराए जाने की बात सामने आयी है। इसमें स्लूस गेट का भी निर्माण कराया जाएगा।जागरण।