“मुजफ्फरपुर कोर्ट में तमिलनाडु CM के बेटे पर परिवाद दायर:उदयनिधि सनातन धर्म को लेकर दिया था विवादित बयान
मुजफ्फरपुर कोर्ट में तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन और उनके बेटे उदयनिधि के खिलाफ में परिवाद दायर किया गया है। परिवाद अधिवक्ता सुधीर ओझा के द्वारा दायर किया गया है। न्यालय ने परिवाद स्वीकार कर लिया है। सुनवाई की अगली तिथि 14 सितंबर मुकर्रर की गई है।
बता दें कि, तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन और मंत्री उदयनिधि की मुश्किल बढ़ गई है। मुजफ्फरपुर के कोर्ट में दोनों के खिलाफ परिवाद दायर किया गया है। परिवाद में आरोप लगाया गया है कि बीते दिनों तमिलनाडु के सीएम एम के स्टालिन के बेटे उदयनिधि के द्वारा हिंदू धर्म और सनातन धर्म को लेकर अमर्यादित टिप्पणी किया गया है। इसमें उनके द्वारा हिंदू धर्म को समाज के लिए अभिशाप के रूप में डेंगू वायरस और मलेरिया बताया गया है।
साथ ही इसको खत्म करने की भी बात कही गई है। जो की सीएम के बेटे और राज्य सरकार में मंत्री उदयनिधि के द्वारा एक धर्म विशेष के प्रचार प्रसार करने और हिंदू धर्म को गलत बताकर दूसरे धर्म के प्रचार प्रसार के उद्देश्य से दिया गया है।
जिसके कारण देश में करोड़ों हिंदू की भावनाओं को आहत करने के उद्देश्य से दिया गया है। यह उनकी विकृत मानसिकता को बताता है। कोर्ट ने इस मामले को स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 14 सितंबर 2023 को मुकर्रर किया है। इसमें आईपीसी की धारा 500, 504, 295, 295(क), 298 और 120(बी) के तहत कराया गया है।
सीजेएम कोर्ट में अधिवक्ता ने मुकदमा दर्ज करवाया
अधिवक्ता सुधीर ओझा ने बताया कि एम के स्टालिन जो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री हैं और उनके बेटा उदयनिधि जो युवा कल्याण मंत्री हैं। सीजेएम कोर्ट में आज मैं दोनों के विरुद्ध एक आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया है। मैंने आरोप लगाया है कि दोनों अभियुक्त जिनको मैंने मुदालय बनाया है।
दोनों साजिशन सनातन धर्म के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया है। सनातन डेंगू और मलेरिया की तरह है। जिनको खत्म कर देना चाहिए। इन दोनों के बयान से देश के करोड़ों सनातनी के भावना को ठेस पहुंचा है। जानबूझ कर राजनीतिक लाभ के लिए यह काम किया गया है।