Thursday, November 21, 2024
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“फेसबुक पर वायरल इस New Name Meta का क्या है मतलब? क्यो वायरल हो रही यह पोस्ट,जानिए पूरा सच..

फेसबुक के नाम पर मेटा नियम के बारे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक मैसेज बुधवार सुबह से वायरल हो रहा है । जिस मैसेज में लिखा गया है कि आपकी तस्वीरों का उपयोग किया जा सकता है लेकिन यह मैसेज 2 साल पुराना है जब फेसबुक के को फाउंडर मार्क जुकरबर्ग ने 28 अक्टूबर 2021 को अपनी कंपनी का नाम फेसबुक से बदलकर Meta रखने की घोषणा की हुई थी जिसके बाद यह पोस्ट सोशल मीडिया यूजर्स तरह-तरह की अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इसे फेसबुक के यूजरों की तस्वीर उनके खिलाफ मुकदमे में इस्तेमाल करने की अनुमति देने की बात की जा रही है इसलिए कहा जाता है कि वायरल पोस्ट को कॉपी पेस्ट करके अपने फेसबुक आईडी पर डाल दीजिए इसके बाद फेसबुक के नियमों से असहमति दर्ज करवा ले। बन रही है हमारे इस कंटेंट के आखिर तक हम आपके पूरे विस्तार से जानकारी देने जा रहे हैं कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से फेसबुक पर वायरल हो रही इस पोस्ट का क्या मतलब है।

पूरा मेसेज इस प्रकार है :
कल से नया फेसबुक नियम (उर्फ… नया नाम मेटा) शुरू हो रहा है, जहां वे आपकी तस्वीरों का उपयोग कर सकते हैं। मत भूलिए कि अंतिम तिथि आज है!!! मैं फेसबुक या फेसबुक से जुड़ी किसी भी इकाई को अपने अतीत और भविष्य के चित्रों, सूचनाओं, संदेशों या प्रकाशनों का उपयोग करने की अनुमति नहीं देता।
इस बयान के साथ, मैं फेसबुक को सूचित करता हूं कि इस प्रोफ़ाइल और/या इसकी सामग्री के आधार पर मेरे खिलाफ खुलासा, प्रतिलिपि, वितरण या कोई अन्य कार्रवाई करना सख्त वर्जित है। निजता का उल्लंघन करने पर कानून द्वारा दंडित किया जा सकता है।

यदि आप चाहें तो आप इस संस्करण को कॉपी और पेस्ट कर सकते हैं। यदि आप कम से कम एक बार कोई बयान प्रकाशित नहीं करते हैं तो यह चुपचाप आपकी तस्वीरों के उपयोग की अनुमति देगा, साथ ही आपकी प्रोफ़ाइल और स्थिति अपडेट में मौजूद जानकारी भी साझा ना करें। कॉपी और पेस्ट।

आगे बढ़ने का तरीका यहां बताया गया है:
इस संदेश में कहीं भी अपनी उंगली रखें और “कॉपी” दिखाई देगा। “कॉपी करें” पर क्लिक करें। फिर अपने पेज पर जाएं, एक नई पोस्ट बनाएं और रिक्त फ़ील्ड में कहीं भी अपनी उंगली रखें। ‘पेस्ट’ पॉप अप होगा और पेस्ट पर क्लिक करें।
यह सिस्टम को बायपास कर देगा….
जो कुछ नहीं करता, वह जाहिरा तौर पर सहमत होता है।

फ़ैक्ट-चेक
पहली नज़र में ही ये पोस्ट फ़र्ज़ी मालूम होती है. इसकी जांच करने के लिए हमने फ़ेसबुक की डाटा पॉलिसी चेक की. वहां साफ शब्दों में लिखा है, “फ़ेसबुक कंपनी का नाम बदलकर अब मेटा हो गया है. हमारी कंपनी का नाम बदल रहा है. लेकिन हम वही प्रोडक्ट ऑफ़र करना जारी रखेंगे. इनमें मेटा का फ़ेसबुक ऐप शामिल है. हमारी डेटा पॉलिसी और सेवा की शर्तें लागू रहेंगी और नाम बदलने से हमारे डेटा उपयोग या शेयर करने के तरीके पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.” फेसबुक के टर्म्स ऑफ़ सर्विस पेज पर भी हमें यही जानकारी मिली.

 

आगे, गूगल पर की-वर्ड्स सर्च करने पर ऑल्ट न्यूज़ को अमेरिकी फ़ैक्ट-चेकिंग एजेंसी Snopes की 2012 की एक रिपोर्ट मिली. इस आर्टिकल में फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम से जुड़े ऐसे ही वायरल दावों की असलियत बताई गई थी. ऐसे ही फ़ोर्ब्स ने 2019 में ऐसे फ़र्ज़ी दावे की हकीकत बताई थी. इससे पता चलता है कि ऐसे भ्रामक दावे 2012 से ही समय-समय पर कुछ बदलाव कर सोशल मीडिया शेयर किये जाते हैं.

AFP थायलैंड की रिपोर्ट के मुताबिक, भ्रामक पोस्ट अलग-अलग भाषाओं में अमेरिका, सिंगापुर, न्यूज़ीलैंड, बांग्लादेश, इथोपिया, थाईलैंड में भी वायरल है. AFP से बात करते हुए फ़ेसबुक के थाईलैंड और लाओस की कम्यूनिकेशन मैनेजर Manaschuen Kovapirat ने बताया कि वायरल मैसेज सही नहीं हैं. कुल मिलाकर, Newstobihar न्यूज ने पाया कि वायरल पोस्ट तथ्यहीन हैं. इन फ़र्ज़ी दावों का फ़ेसबुक/मेटा के नियमों से कोई संबंध नहीं है.

Kunal Gupta
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