दलसिंहसराय;भटगांमा मे कवि सम्मेलन का आयोजन, कवियों की कविताओं का श्रोताओ ने लिया आनंद
दलसिंहसराय,भटगांमा स्थित शिक्षा विहार शिक्षण संस्थान में तरुण सांस्कृतिक चेतना समिति के द्वारा कवि सम्मेलन का आयोजन दीप प्रज्वलित एवं लोकगायक डा.सच्चिदानंद पाठक के मां सरस्वती वंदना के साथ शुरू किया गया.सम्मेलन में आए सभी कवियों को शाल व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया.
युवा साहित्यकार मिन्टू कुमार झा की कविता “हैं पढ़ें लिखे वह संतरी बने अपराधी माफिया जो है वह मंत्री बने, साहित्यकार डॉ. सच्चिदानंद पाठक की रचना आंख नोचकर अश्रु गिराना सरकारी मजबूरी है,लोकतंत्र में चिंता,हास्य के चर्चित हस्ताक्षर सीताराम शेरपुरी ने अपनी कविता जे जत्ते पार्टी बदललक उहे नेता पक्का हो,हे हो नै हक्का बक्का हो,बुझहो-बुझहो कक्का हो,कवि कुमार अमरेश की रचना नागार्जुन दिनकर के वंशज बलि चढा़ये जाते है,
पाखंड की पोल खोल दे अब ऐसी ललकार, साहित्यकार श्रीराम राय की कविता मुफ्त में नहीं मिली आजादी,हाजारों बीर कुर्बान हुए,कवि सत्संध भारद्वाज रचित कविता आसमां पर बादलों के झुण्ड आते रह गए,लोग अपने आप को ढांढस बंधाते रह गए,देवनीति राय ने कहा हे गे मैयो आय हमरा बगिया बनाय दे,कोठी में धान छै कूट के पिसाय दे सुनते ही तालियों की गड़गड़ाहट आने लगी.मौके पर शिक्षा विहार के निदेशक सुशांत चन्द्र मिश्र,आनंद जायसवाल,दिगंबर झा,प्रफुल्ल चंद्र मिश्र,विरेन्द्र कुमार,कन्हैया कुमार झा,गुलशेर,आकास कुमारसहित अन्य लोग मौजूद थे।