Sunday, December 22, 2024
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ऐसे करें नागपंचमी की पूजा और पाएं भगवान शिव की कृपा!

पटना । प्रगति कुमारी।नागपंचमी हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है जिसे भगवान शिव की पूजा करके मनाया जाता है। 2023 में यह पूजा 21 अगस्त को होगा।इस पर्व के समय नागों की पूजा एवं ध्यान द्वारा भगवान शिव से कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना की जाती है। यह पर्व हर साल श्रवण मास के शुक्ल पंचमी को मनाया जाता है। ऐसे में, इस लेख में हम आपको बताएंगे कि नागपंचमी की पूजा कैसे करें और कैसे हम भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।

नागपंचमी की पूजा में उपयोगी सामग्री

नागपंचमी की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:

सुपारी, इलायची, चावल, सफ़ेद चूना, धूप, दीपक, घी, फूल, नागमणि और सुवर्णाभूषण।

सुपारी, इलायची, चावल, सफ़ेद चूना

नागपंचमी की पूजा के लिए सुपारी, इलायची, चावल और सफ़ेद चूना आवश्यक होते हैं। इनका उपयोग नाग पूजा में नागराज की प्रतिष्ठा करने के लिए किया जाता है।

https://youtu.be/1-i0mmb2iyQ

धूप, दीपक, घी, फूल

धूप, दीपक, घी और फूल भी नागपंचमी की पूजा में महत्वपूर्ण होते हैं। धूप का उपयोग आरती करते समय किया जाता है जबकि दीपक भगवान शिव की पूजा में जलाया जाता है। घी और फूलों का उपयोग पूजा के दौरान अर्चना करते समय किया जाता है।

नागमणि और सुवर्णाभूषण

नागपंचमी की पूजा में नागमणि और सुवर्णाभूषण का उपयोग करने से पूजा का आदान-प्रदान विशेष दिखता है। यह भगवान शिव की कृपा को प्राप्त करने में मदद करता है।

नागपंचमी की पूजा का क्रम

नागपंचमी की पूजा को निम्नलिखित क्रम में करें:

नागमणि, सुवर्णाभूषण, सुपारी, इलायची, चावल और सफ़ेद चूना को पूजा स्थल पर सजाएं।

पूजा स्थल पर दीपक और धूप जलाएं।

नागराज की मूर्ति पर फूलों की माला चढ़ाएं और धूप दें।

भगवान शिव की पूजा करें और उन्हें अर्चना करें।

कुछ मिठाई और व्रत के भोजन का प्रसाद भगवान की पूजा के द्वारा चढ़ाएं।

भक्तों को प्रसाद वितरित करें और खुद को भी प्रसाद लें।

नागपंचमी के महात्म्य

नागपंचमी के दिन स्नान करने और भगवान शिव की ध्यान द्वारा हम भगवान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इस दिन का महात्म्य है कि नागदेवता हमारे दुखों को हरताल हैं और हमें सुखी जीवन प्रदान करते हैं। इसे ध्यान और भक्ति से मनाने से हमारे पापों का संहार होता है और हमें भगवान शिव की कृपा मिलती है।

नागपंचमी की कथा

नागपंचमी की कथा के अनुसार, एक बार पुराणकथा में सूत ऋषि के द्वारा इस पर्व का वर्णन किया गया था। कथा के अनुसार, एक गांव में एक नाग उपासक ब्राह्मण रहता था जो अपनी जिंदगी को भगवान शिव की पूजा व सेवा में बिताता था। भगवान शिव उसके मनोकामनाओं को पूर्ण करके प्रसन्न हुए और नाग उपासक को अशीर्वाद प्रदान किया। इसी प्रकार, नागपंचमी के दिन नाग उपासक ने सभी लोगों को नागपंचमी की पूजा करने का उपदेश दिया और इसे ध्यान द्वारा मनाने की प्रेरणा दी।

अब आप जान गए हैं कि नागपंचमी की पूजा कैसे करें और कैसे आप भगवान शिव की कृपा प्राप्त कर सकते हैं। इस पर्व को ध्यान और भक्ति से मनाने से हमारे जीवन में सुख और शांति का आभास होता है। नागपंचमी के दिन हमें नाग उपासक ब्राह्मण का उदार देहावसान कर अपने आप को नागराज की सेवा में समर्पित करने की प्रेरणा मिलती है। इसलिए इस पर्व को विधि-विधान से मनाएं और शिव जी की कृपा प्राप्त करें। आप सभी को नागपंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं!
नोट:यह बाते धार्मिक है कृपया इसे लेकर अपने फेमली पंडित से भी एक बार सम्पर्क कर ले।

Kunal Gupta
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