प्रधानमंत्री केन्द्रीय विद्यालय संगठन पीएमश्री का करगे उद्धआघटन।
गया। गया के केण्ट मे स्थित केन्द्रीय विद्यालय दो मे प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्राचार्य ने बताया कि किसी भी देश की प्रगति का सबसे महत्वपूर्ण आधार शिक्षा होती है। जब भारत अपनी आज़ादी के अमृतकाल में प्रवेश कर चुका है और विश्व अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण स्थान हासिल कर रहा है तो यह आवश्यक हो जाता है कि हमारी शिक्षा नीति भी वर्तमान आवश्यकताओं और माँग के अनुरूप हो। इसी उद्देश्य से व्यापक विचार-मंथन के पश्चात भारत सरकार सरकार राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लेकर आई है। जिसमें बच्चे को केन्द्र में रखकर उसके सर्वांगीण विकास के लिए सीखने के पारंपरिक और नवीन तरीकों और प्रविधियों पर जोर दिया गया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के प्रावधान आने के तीन वर्ष पश्चात उन प्रावधानों के क्रियान्वयन की प्रगति से आम जनमानस को जागरूक किए जाने के लिए शिक्षा मंत्रालय, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एनईपी 2020 की तीसरी वर्षगाँठ का जश्न मनाया जा रहा है। इसी उद्देश्य से केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 2 गया, केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 1 गया, जवाहर नवोदय विद्यालय जेठियन तथा जवाहर नवोदय विद्यालय शेरघाटी के संयुक्त तत्वावधान में केन्द्रीय विद्यालय- 2 गया में शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता आयोजित की गई। जिसमें केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 2 गया के प्राचार्य के अतिरिक्त केन्द्रीय विद्यालय-1 गया की प्राचार्या डॉ. अमीना खातून, जवाहर नवोदय विद्यालय जेठियन के प्राचार्य ए. के. सिंह एवं जवाहर नवोदय विद्यालय शेरघाटी के प्राचार्य डॉ. एस. के. सिन्हा, आर्मी पब्लिक स्कूल के प्राचार्य एसके पाठक भी उपस्थित थे।
इस कार्यक्रम के आरंभ में केन्द्रीय विद्यालय क्रमांक 2 के प्राचार्य उमेश पांडेय ने पॉवर प्वॉइंट के माध्यम से विद्यालय में संचालित राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित प्रावधानों की जानकारी दी गई है। केन्द्रीय विद्यालय एक,दो के प्राचार्य ने अपने विद्यालय में नई शिक्षा नीति 2020 के सफल कार्यान्वयन पर अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि साझा करते हुए बताया कि हमने पटना संभाग के उपायुक्त के नेतृत्व और मार्गदर्शन में अपने छात्रों के लिए समग्र और क्रमबद्ध सीखने का अनुभव सुनिश्चित करते हुए एनईपी 2020 के सिद्धांतों को अपनाने में उल्लेखनीय प्रगति की है। विद्यालय ने एनईपी 2020 के अनुसार महत्वपूर्ण उपाय किए हैं। जो छात्रों के लिए अधिक व्यापक,बच्चों के विकासात्मक रूप से सीखने की अनुमति देता है। विद्यालय में कक्षा पहली में प्रवेश लेने वाले नए विद्यार्थियों के लिए औपचारिक स्कूली शिक्षा में परिवर्तन को आसान बनाने के लिए ‘विद्या प्रवेश कार्यक्रम’ लागू किया गया है। जो नए छात्रों के लिए एक सहायक और उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है। जिसमें बच्चों को विभिन्न खेलकूद तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा मनोरंजन के साथ शिक्षा की ओर प्रेरित किया जाता है। केंद्रीय विद्यालय संगठन में ‘बाल-वाटिका’ की शुरुआत हो गई है। केन्द्रीय विद्यालय एक और दो मे विद्यालय में बालवाटिका के लिए विद्यार्थी-प्रवेश तथा शिक्षक- साक्षात्कार प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। शीघ्र ही प्रारंभिक बचपन की शिक्षा के महत्व को समझते हुए विद्यालय बाल-शिक्षार्थियों के लिए एक मजबूत नींव को बढ़ावा देते हुए बालवाटिका की शुरुआत कर देगा। विद्यालय ‘निपुण भारत मिशन’ के अंतर्गत कक्षा तीन तक के बच्चों के लिए बुनियादी पढ़ने-लिखने एवं अंक गणित हल करने के लक्ष्य को विभिन्न शिक्षण गतिविधियों के द्वारा संपादित कर रहा है। इसके अंतर्गत एफएलएन फाउंडेशनल लिट्रेसी एंड न्यूमेरेसी- मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मक ज्ञान कार्यक्रम चलाया जा रहा है।जिसके तहत कक्षा तीसरी तक प्रत्येक कक्षा में बच्चों के लिए भाषा, गणित सीखने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं। इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए खिलौना आधारित शिक्षण, क्लब गतिविधियाँ, समग्र मूल्यांकन प्रणाली और करके सीखो आदि के माध्यम से बच्चों को शिक्षण दिया जाता है। इसके सफलता पूर्वक क्रियान्वयन के लिए नियमित अंतराल पर शिक्षकों को संभागीय स्तर पर, जीट स्तर पर और विद्यालय स्तर पर प्रशिक्षित किया जाता है। पिछली वाली रटंत विधा प्रणाली की शिक्षा के स्थान पर विद्यार्थियों के अंदर क्षमता आधारित शिक्षा कौशल का विकास किया जा रहा है। विद्यार्थियों के अंदर ज्ञान स्थाई रूप से अपना स्थान बना सके, इसके लिए आवश्यक है विद्यार्थी ज्ञानार्जन में खुद सक्रिय रूप से भागीदारी करें। जिसके लिए विद्यालय में खेल आधारित शिक्षण, खिलौना आधारित शिक्षण, कला आधारित शिक्षण को बढ़ावा दिया जा रहा है।
विद्यालय में विद्यार्थियों को डिजिटल और भौतिक आधारभूत संरचना उपलब्ध कराने के अंतर्गत कक्षाओं में प्रोजेक्टर और स्मार्ट बोर्ड लगाए गए हैं। भारत की विविधता और सांस्कृतिक विरासत से विद्यार्थियों को परिचित कराने के लिए विद्यालय में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन किया जा रहा है। विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए परख कार्यक्रम के अंतर्गत उनके प्रदर्शन का मूल्यांकन और विश्लेषण कर उचित सुधारात्मक उपाय सुनिश्चित किया जा रहा है। जिसके तहत 360 डिग्री ‘समग्र प्रगति पत्र’ एचपीसीजारी किया जा रहा है। 21वीं शताब्दी कौशल विकास के अंतर्गत प्रत्येक बच्चे की छिपी हुई प्रतिभा को निखारने का काम किया जा रहा है ताकि समय के साथ अपने आप को कुशल बना सकें। यह केन्द्रीय विद्यालय पीएम श्री स्कूल के रूप में चयनित हुआ है | जिसके अंतर्गत विद्यालय में बच्चों को सीखने के लिए सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराया जा रहा है। और उचित भौतिक संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं ताकि विद्यार्थी यहां से उत्पादक ज्ञान अर्जित कर समाज के कल्याण हेतु कार्य करने के लिए तैयार हो सके। विद्यालय ने सीबीएसई के वेब पोर्टल पर उपलब्ध ‘जादुई पिटारा शिक्षण सामग्री’ द्वारा विद्यालय-शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा एनसीएफ एफएस पर आधारित नवीन शिक्षण साधनों को अपनाया है। एनईपी 2020 में माता-पिता की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हुए विद्यालय सक्रिय रूप से हितधारकों के रूप में माता-पिता को शामिल कर सीखने और विकास के लिए एक सहयोगात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देता है। केन्द्रीय विद्यालय-1 गया, जवाहर नवोदय विद्यालय जेठियन एवं जवाहर नवोदय विद्यालय शेरघाटी के प्राचार्यों ने बताया कि उनके विद्यालय में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों के ज्ञान को व्यवहारिक जीवन से जोड़ने और कौशल विकास पर विशेष बल दिया गया है । वही केन्द्रीय विद्यालय एक की प्राचार्य अमीना खातून ने बताया कि विधालय में एक कक्षा पहली प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को औपचारिक स्कूली शिक्षा में परिवर्तन को आसान बनाने के लिए विध्या प्रवेश कार्यक्रम लागू किया गया है वही केन्द्रीय विद्यालय में बालवीटा की शुरुआत हो गई है इसके लिए शिक्षक साक्षात्कार प्रक्रिया भी पूर्ण हो चुकी है प्रवेश आयु का पुनर्निधारण करते हुए विधालय ने पाठ्यचर्या संबंधित आवश्यकता के आधार पाच तीन तीन चार का डिजाइन लागू किया गया है।इस दिशा में विद्यालय निरंतर प्रयास कर रहा है। बच्चों को अनुभव करके सीखने, प्रयोगशाला में सीखने और सीखे गए विषय को दैनिक जीवन में लागू करने पर बल दिया जा रहा है। बच्चों के कौशल विकास के लिए विद्यालय में कार्यानुभव शिक्षक, क्रीड़ा शिक्षक, कला शिक्षक, संगीत शिक्षक, नृत्य, कम्प्यूटर और योग के अनुदेशक नियुक्त हैं। जो अपनी नियमित कक्षाओं में बच्चों की रुचियों और क्षमताओं के अनुसार उनके कौशल विकास में अपना योगदान देते हैं। केन्द्रीय विद्यालय-2 गया शिक्षा मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय की पहल के साथ सभी हितधारकों, शिक्षकों और शिक्षा उत्साही लोगों से इस महत्वपूर्ण अवसर का हिस्सा बनने की अपील करता है। एन.ई.पी 2020 के कार्यान्वयन के तीसरे वर्ष का जश्न भारत में भविष्य के लिए तैयार और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी शिक्षा प्रणाली बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पत्रकार वार्ता में केन्द्रीय विद्यालय- 2 के प्राचार्य उमेश पांडेय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों पर वहा उपिस्थत पत्रकारों के प्रश्नों के उत्तर भी दिए गए हैं। आज इस कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ शिक्षक जैनेन्द्र कुमार मालवीय ने किया और वहीं धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के शिक्षक एस के पाण्डेय ने किया है।