समस्तीपुर का हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर लटका रहता है ताला,डॉक्टर आते नहीं,पशुओं का तबेला बना
समस्तीपुर जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर कल्याणपुर प्रखंड का रामभद्रपुर गांव में 70 लाख की लागत से हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटर का निर्माण कराया गया है। लेकिन इस केंद्र लाभ लोगों को नहीं मिल रहा है। डॉक्टर के नहीं आने के कारण लोगों को करीब 10 किलोमीटर दूर कल्याणपुर प्रखंड पीएचसी में उपचार के लिए जाना होता है। भास्कर की टीम हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर पहुंची तो अस्पताल परिसर में दो भैंस व दो गाय बंधी हुई थी।
दिन के दो बज रहे थे लेकिन केंद्र पर ताला लटक रहा था। आसपास के ग्रामीणों ने बताया कि यह केंद्र सप्ताह में तीन दिन ही खुलता है। जब खुलता है तो डॉक्टर मरीजों का उपचार करते हैं। आज यह केंद्र क्यों बंद हैं उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। अस्पताल में कोई नोटिस भी नहीं चिपकाई गई है। यह हाल सिर्फ रामभद्र हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का नहीं है। जिले के अधिकतर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का है। जहां अधिकतर समय ताला ही लटका रहता है। मोरवा निकस पुर स्थित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ताला नजर आया।
डयूटी से गायब रहते हैं चिकित्सक
जिले में 38 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित हैं। लेकिन अधिकांश सेंटरों में प्रतिदिन केंद्र पर डॉक्टर नहीं आते। मरीजों को कई किलोमीटर की दूरी तय कर प्रखंड के पीएचसी जाना होता है। जबकि इस केंद्र की स्थापना के पीछे सरकार की मंशा थी कि सुदूर इलाके के मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिल सके। इसमें योगा एवं अन्य जीवन शैली के रोगों की रोकथाम करना है। कैंसर और डायबिटीज जैसी बीमारियों का इलाज हेल्थ सेंटर में भी होगा। इसकी जांच भी यहीं हो जाएगी। लेकिन लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा।
डॉक्टरों की उपस्थिति नहीं होने से हो रही समस्या
संसाधनों की कमी के साथ-साथ नियमित रूप से कर्मियों की उपस्थिति नहीं होने से लोगों को जमीनी स्तर पर इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। हेल्थ वेलनेस सेंटर में प्रसव की सुविधा, नवजात और बच्चों के स्वास्थ्य, किशोर स्वास्थ्य, संक्रामक रोगों के प्रबंध, आंख, नाक, कान व गले से संबंधित बीमारियों का इलाज किया जाना है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में जब जिला मुख्यालय के सभी बड़े निजी क्लीनिक बंद हो गए थे तब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर की ओर ग्रामीण बड़ी उम्मीद के साथ इलाज कराने पहुंचते थे।
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन एसके चौधरी ने कहा कि सभी हेल्थ एंड वेलनेंस सेंटरों पर रोज डॉक्टरों को पहुंचना है। केंद्र पर मरीजों की जांच के साथ ही दवा भी देनी है। राभद्रपुर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर दिन के दो बजे तक क्यों बंद था इसकी जांच कर कार्रवाई होगी।