Saturday, October 19, 2024
Issues Problem NewsSamastipur

समस्तीपुर;बिहार में परिवार का सुख ही खत्म, पलायन सबसे बड़ा मुद्दा: प्रशांत किशोर 

समस्तीपुर: बिहार में परिवार का सुख ही खत्म हो गया है, यहां के लोगों के लिए पलायन सबसे बड़ा मुद्दा है। अब तो लोग होली, दिवाली, दशहरा और छठ में भी नहीं जुटते हैं। बिहार के लोगों की इस पीड़ा को आवाज देते हुए जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को समस्तीपुर के मोहिउद्दीन नगर ब्लॉक के नंदनी गांव में लोगों से सचेत रहने की अपील की। प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि गांव-गांव में शायद ही कोई घर होगा जो संयुक्त परिवार में रहता हो। परिवार वाले भी बोलते हैं कि बेंगलुरु, दिल्ली, मुंबई में अपना फ्लैट ले लो। अमीर, गरीब, मध्यम परिवार इस समस्या से जूझ रहे हैं। लोग स्थानीय मुद्दे जैसे एक हजार एकड़ में जलजमाव, खेतों से पानी निकालने जैसे मुद्दों पर वोट नहीं करते हैं। जनता ने पाकिस्तान को सबक सिखाने के मुद्दे पर वोट किया है। नेताओं का चेहरा देखकर वोट किया है, तो उनका चेहरा टीवी पर दिखता है, वे हेलिकॉप्टर से घूमते हैं।

धान और यूरिया के लिए किसानों ने बिहार में नहीं किया प्रदर्शन: प्रशांत

प्रशांत किशोर ने कहा कि आपने किसान आंदोलन के बारे में सुना होगा, लेकिन बिहार में आपने कभी नहीं सुना होगा कि किसी ने धान-यूरिया के लिए प्रदर्शन किया हो। केरल को केरल के लोगों ने बनाया है, पंजाब को पंजाब के लोगों ने बनाया है। उसी तरह बिहार को बनाने के लिए बिहारियों को आगे आना होगा। किसान कानून जब आया तो पंजाब, हरियाणा के किसानों ने सरकार को डेढ़ साल तक घेरा। किसान कानून में ये बात थी कि आधिक मूल्य पर फसलों के खरीद की गारंटी खत्म हो सकती थी। इस पर बिहार, यूपी के किसान आंदोलन का हिस्सा नहीं बने। जब यहां के लोग 2 हजार रुपए का धान 1200 और 1400 में बेचेंगे और करेंगे कि यहां ऐसा ही होता है, तो यहां की स्थिति को कोई नहीं सुधार सकता।

 

बता दें कि प्रशांत किशोर की पदयात्रा को 231 दिन हो चुके हैं, वहीं वे 2300 किलोमीटर से भी अधिक का सफर गांव-गांव में पैदल तय कर चुके हैं। अभी वह समस्तीपुर के प्रखंडों में गांव-गांव में जाकर लोगों को वोट की ताकत का एहसास दिला रहे हैं।

Kunal Gupta
error: Content is protected !!