Wednesday, October 23, 2024
Patna

पटना में दो दिवसीय ऑनसाईट प्रशिक्षण कार्यशाला की शुरुआत

पटना ।राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम भारत सरकार एवं बिहार सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य निकट भविष्य में सभी के लिए विशेष रूप से आबादी के सबसे कमजोर और वंचित वर्गों के लिए न्यूनतम मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की उपलब्धता और पहुंच सुनिश्चित करना है।

इसी क्रम में आज मंगलवार को एम्स पटना में दो दिवसीय ऑनसाईट प्रशिक्षण कार्यशाला की शुरुआत की गयी| इस अवसर पर सचिव स्वास्थ्य-सह-कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार श्री संजय कुमार सिंह, एम्स के कार्यपालक निदेशक सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी प्रोफेसर डॉक्टर गोपाल कृष्ण पाल, निमहांस, बेंगुलुरु के कुलसचिव श्री बी. एस. शंकरनारयाना राव, एम्स-पटना, मनोचिकित्सा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पंकज कुमार राज्य, स्वास्थ्य समिति, बिहार के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी, मानसिक स्वास्थ्य डॉ. सुनिल कुमार, राज्य सलाहकार-मानसिक स्वास्थ्य सुश्री प्रीति वाजपेयी सहित एम्स एवं निमहांस कई चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ आदि मौजूद रहे।

राज्य के सभी जिलों में कार्यक्रम क्रियांवित:
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत वर्ष 2015 में बिहार सरकार के द्वारा राज्य के 11 जिले यथा बांका, वैशाली, बक्सर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, गोपालगंज, कैमूर, रोहतास, मुजफ्फरपुर, पूर्णियां एवं जमुई में शुरू किया गया था एवं वर्तमान में सभी 38 जिलों में यह कार्यक्रम क्रियान्वित है।

दिया जा रहा स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षण:
राज्य में मनोचिकित्सक एवं साइकियाट्रिक नर्सों की कमी को देखते हुए वित्तीय वर्ष 2018-19 में 27 नर्सों की निम्हांस से मानसिक स्वास्थ्य सेवा सम्बन्धी प्रशिक्षण कराया गया एवं 2019-2020 में कुल 12 सामान्य चिकित्सकों को प्रशिक्षित किया गया। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 9 जी.एन.एम./ए.एन.एम. एवं 10 सामान्य चिकित्सक (5 जिला अस्पताल तथा 5 कारागृह) को प्रशिक्षित किया गया है ताकि मानसिक रोगियों को एक गुणवत्तापूर्ण मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा सुविधा मिल सके।

सामुदायिक स्तर पर किया जा रहा जागरूकता लाने का प्रयास:
जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम, ( डीएमएचपी ) का मुख्य उद्देश्य सामुदायिक मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है। वर्तमान में जिला स्तर पर जिला अस्पतालों में ओपीडी एवं काउंसिलिंग की व्यवस्था के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य संबंधी औषधियों की भी उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। सामुदायिक स्तर (स्कूल, कॉलेज, गाँव) पर भी नियमित रूप से जागरूकता अभियान और स्वास्थ्य संबंधी कैंप का आयोजन किया जाता है एवं इस कार्यक्रम अंतर्गत आने वाली अन्य सुविधाएं हेतु सरकार प्रयासरत है।

कारागृह में भी उपलब्ध करायी जा रही सुविधा:
जिला के कारागृह में मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी स्वास्थ्य ओ.पी.डी. का नियमित आधार पर संचालन किया जा रहा है। साथ ही साथ कारा में बंदियों को मानसिक स्वास्थ्य सम्बन्धी उपचार की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 में 18 सामान्य चिकित्सक जिसमे 14 जिला अस्पताल एवं 4 जिले के कारागृह से 4 चिकित्सक एवं 5 परिचारिकाओं को नामित कर मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सा एवं सेवा में प्रशिक्षण कराया जाना निर्धारित हुआ है। दिनांक 4 से 5 जुलाई तक 2 दिनों का ऑनसाईट प्रशिक्षण एम्स पटना में निर्धारित है एवं एक वर्ष का ऑनलाइन प्रशिक्षण निमहांस बेंगलुरु के कुशल प्रशिक्षकों द्वारा कराया जायेगा। पूर्व में यह प्रशिक्षण के लिए निमहांस बेंगलुरु जाना पड़ता था, जिससे काफी कठिनाईयां आती थी, लेकिन अब यह प्रशिक्षण एम्स पटना एवं निमहांस बेंगलुरु के सहयोग से एम्स पटना में कराया जायेगा।

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Kunal Gupta
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