जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में कवि गोष्ठी आयोजित
लखीसराय। रविवार को जिला मुख्यालय अवस्थित प्रभात चौक के होटल भारती के सभागार में जिला हिंदी साहित्य सम्मेलन के तत्वावधान में कवि गोष्ठी का आयोजन रामबालक सिंह की अध्यक्षता में आयोजित गया। कवि गोष्ठी में देवेंद्र आजाद ने कहा कि हिंदी और मगही साहित्य में लखीसराय ही नहीं बिहार के गौरव हैं तीन,फरमेश्वरी सिंह अनपढ़ ,श्री नंदन शास्त्री और मथुरा प्रसाद नवीन । सुबोध कुमार की कविता दूल्हा बिकता है। भगवान राय द्वारा धूप में धरती जब खूब तपा है। जीवन पासवान के द्वारा हमारे देश का नेता अब बहुत सजग हो गए हैं ,कुर्सी के खातिर सब एक जगह हो गये है। धनेश्वर पंडित के द्वारा भारत मेरा महान।
रामबालक सिंह के द्वारा सरकारी संपत्ति का लूट है लूट सको सो लूट । दशरथ महतों के द्वारा आपने कभी आवाज उठाया पानी के लिए,हवा के लिए ,माटी के लिए ।राजकुमार के द्वारा जुलाई को जनसंख्या नियंत्रण लाना है। राजेश्वरी सिंह के द्वारा कुर्सी के वास्ते सब बदल रहे झंडे । भोज भी बन गए चुनाव के हथकंडे ।रोहित कुमार के द्वारा प्रकृति के अमूल्य मानव। पीयूष कुमार झा के द्वारा मैंने मां के प्रेम को तोड़ा, पापा के अरमान को तोड़ा। सिराज कादरी के द्वारा जाते ही मिट गई सब छुआछूत, आस-पास ही जल रहे थे ब्राह्मण शुद्र वैश्य और राजपूत। सिद्धेश्वर सिंह के द्वारा पर्यावरण का सूरज का रौद्र रूपदीख रहा है। शिवदानी सिंह बच्चन के द्वारा योग के स्वामी महर्षि पंतजलि ।
अरविंद कुमार भारती के द्वारा देश बचाओ देश जगाओ कविता का पाठ किया गया । कवि गोष्ठी कार्यक्रम के अंत में लोदिया निवासी परमेश्वरी सिंह अनपढ़ के असामयिक निधन पर 2 मिनट का मौन रखा गया और उनके प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की गई तथा उपस्थित सभी कवियों ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व की चर्चा की।