बिहार के आरा में हीट स्ट्रोक से इतनी मौत हुइ कि अंतिम संस्कार के लिए कम पड़ गईं लकड़ियां
बिहार में गर्मी के सितम ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. आरा में पिछले एक सप्ताह से लोग भीषण गर्मी और लू से परेशान हैं. कई लोगों की मौत भी हो चुकी है. हीट स्ट्रोक की वजह से लगातार लोगों की मौत हो रही है. हालात ऐसे हो गए हैं कि अब चिता जलाने के लिए लकड़ियां भी कम पड़ गईं हैं.
कोरोना में जैसे हालात अस्पताल और श्मशान घाटों पर थे ठीक वैसा ही मंजर बीते 3-4 दिनों से आरा के बड़हरा प्रखंड स्थित महुली गंगा घाट पर देखने को मिल रहा है. एक चिता की आग बुझ भी नहीं पाती है कि दूसरा शव वहां अंतिम संस्कार के लिए पहुंच जाता है.
अंतिम संस्कार के लिए कम पड़ी लकड़ियां
गंगा घाट पर अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी बेचने वाले दुकानदार की मानें तो दो-तीन दिनों के अंदर जिस तरीके से लोगों की मौत हुई है उससे शवों को जलाने के लिए लकड़ी कम पड़ गई है.
हालांकि भोजपुर जिले में आधिकारिक तौर पर हीट स्ट्रोक से मरने वालों की कुल संख्या 5 बताई जा रही है. लेकिन जिस तरह से अस्पताल में मरीजों की संख्या और वहां हो रही मौत के बाद श्मशान घाट पर लगातार शव पहुंच रहे हैं उससे दुकानदार भी हैरान हैं.
लकड़ी दुकानदारों द्वारा लकड़ी की कमी होने की बात बताई जा रही है. दुकानदारों ने कहा कि ऐसा लग रहा है कि या तो सरकारी आंकड़ों को छुपाया जा रहा है या फिर जो आंख के सामने मंजर दिखाई दे रहा है वो गलत है.
जब इसकी पड़ताल की गई तो वहां चिता को आग देने वाले डोम राजा ने बताया कि दो-तीन दिनों से यहां इतनी लाशें आ रही हैं कि चिता की आग तक नहीं बुझती और दूसरे अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हो जाती है.
डॉक्टर ने कहा हर दिन 15 से 20 मौत
बता दें कि भोजपुर में तापमान करीब 45 डिग्री तक पहुंच गया है और गर्म हवा से लोगों का जीना मुश्किल होता जा रहा है. आरा सदर अस्पताल के डॉक्टर ऋषि ने बताया कि हर दिन 15 से 20 मौत हो रही है.
भीषण गर्मी और लू की चपेट में आने से सदर अस्पताल समेत जिले के अलग-अलग अस्पतालों में प्रति दिन 40 से 50 मरीज इलाज कराने के लिए आ रहे हैं. इन मरीजों में हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखाई दे रहे हैं.