हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ही वेक्टर बोर्न रोग की हो सकेगी पहचान,मिला प्रशिक्षण
सीतामढ़ी। 18 जून।सीतामढ़ी जीएनएम स्कूल उस प्रशिक्षण का गवाह बना जिसकी बदौलत अब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर ही वेक्टर रोगों की पहचान और उसका प्राथमिक इलाज संभव हो पाएगा। मुख्य अतिथि के तौर पर जिलाधिकारी मणेश कुमार मीणा ने इसका विधिवत उद्घाटन कर कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के लिए भारत सरकार के गाइडलाइन पर बनी मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया और कहा कि इस तरह के प्रशिक्षण से स्वास्थ्य सुविधाओं के बीच गैप को मिटाने के साथ उपचार का सुरक्षित माहौल भी बनता है।
सभी सीएचओ के बीच वेक्टर बॉर्न की मार्गदर्शिका का वितरण भी किया गया। सैंकड़ों की संख्या में उपस्थित सीएचओ को एक दिवसीय प्रशिक्षण में डब्ल्यूएचओ जोनल कोऑर्डिनेटर माधुरी देवराज, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने वेक्टर बॉर्न रोग के समुचित प्रबंधन एवं उपचार पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रशिक्षण के दौरान डॉ रविन्द्र कुमार यादव ने फाइलेरिया के विभिन्न चरणों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया रोगियों को डोर स्टेप सुविधा देने के लिए ही हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्तर पर एमएमडीपी क्लीनिक खोले गए हैं। जिनकी जिम्मेदारी सीएचओ के ऊपर है। फाइलेरिया के अलावा डॉ यादव ने एईएस के लिए फिर से छूटे हुए गांवों में चौपाल लगाने, डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के लिए लोगों के बीच सतत जागरूकता फैलाने को कहा।
फाइलेरिया रोगियों के लिए बताई पांच सावधानियां:
प्रशिक्षण के दौरान डॉ रविन्द्र यादव ने बताया कि फाइलेरिया रोगी अगर कुछ सावधानियों को बरतें तो निश्चित रूप से उन्हें आराम होगा। डब्ल्यूएचओ की जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ माधुरी देवराज ने 10 फाइलेरिया के विभिन्न चरणों के मरीजों को रोग प्रबंधन कला की सीख दी। वहीं दसों फाइलेरिया मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण भी किया गया।
डॉ यादव ने सीएचओ से कहा कि फाइलेरिया मरीजों को आराम मिले इसके लिए पांच सावधानियों पर नजर रखनी होगी, जिसमें फूट हाइजीन, घाव की देखभाल जिसमें एंटीसेप्टिक लगाना, एचडब्ल्यूसी पर ग्रुप एक्सरसाइज, फूट एलिवेशन जिसमें कोई काम करते वक्त या सोते वक्त पैर को सहारा देना और साइज के चप्पल या जूते का इस्तेमाल करना है। डॉ यादव ने फरवरी में हुए एमडीए कार्यक्रम में बेहतर करने वाले सीएचओ को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। इसके अलावे फाइलेरिया में एक्यूट अटैक पर सिर्फ साफ ठंडे पानी से धोने की सलाह भी दी। वहीं हाइड्रोसील की ग्रेडिंग के अनुसार उसका ऑपरेशन कराने की सलाह दी। मौके पर जिलाधिकारी मणेश कुमार मीणा, सिविल सर्जन, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ रविन्द्र कुमार यादव, डब्ल्यूएचओ की डॉ माधुरी देवराज व अन्य मौजूद थे।