धीरेंद्र शास्त्री की कथा में कई लोगों की तबीयत बिगड़ी, पटना में नहीं लगेगा दिव्य दरबार
बागेश्वर धाम के कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री इन दिनों पटना के नौबतपुर स्थित तरेत मठ में हनुमंत कथा सुना रहे हैं. इसमें भारी भीड़ और भीषण गर्मी में लोगों की तबीयत बिगड़ने के बाद धीरेंद्र शास्त्री ने सोमवार को आयोजित होने वाले दिव्य दरबार को स्थगित कर दिया है. उन्होंने कहा है कि कथा पूरे पांच दिन चलेगी. मगर, भारी भीड़ के बीच किसी प्रकार की अनहोनी न हो, इसके लिए दिव्य दरबार को बंद करने का फैसला लिया गया है. फिर कभी बिहार आएंगे तो दिव्य दरबार लगाया जाएगा.
बता दें कि पहले दिन की कथा में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, अश्विनी चौबे के अलावे बिहार बीजेपी के कई बड़े नेता भी पहुंचे थे. आयोजकों की तरफ से बड़े इंतजाम के दावे किए गए थे लेकिन कार्यक्रम के पहले दिन ही बदइंतजामी देखने को मिली थी. दूसरे दिन भी हालात नहीं बदले. भीषण गर्मी के बावजूद भारी तादाद में लोग कथा में शामिल होने पहुंचे थे.
धीरेंद्र शास्त्री ने मंच से किया ये ऐलान
इस दौरान कथा के लिए बनाए गए पंडाल में उमस और ऑक्सीजन की कमी होने की वजह से लोगों की तबीयत बिगड़ने लगी. इसके बाद कथा को समय से पहले खत्म करना पड़ा. पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने खुद मंच से ऐलान किया कि लोग कम संख्या में कार्यक्रम में शामिल हों. गर्मी ज्यादा है, इसलिए टेलीविजन और सोशल मीडिया के जरिए कथा सुनें. इतना ही नहीं पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने यह भी कहा कि 15 मई को आयोजित होने वाला दिव्य दरबार स्थगित कर दिया गया है. इस संबंध में सोमवार सुबह प्रेस वार्ता कर सकते हैं.
नेपाल से भी बड़ी तादाद में पटना पहुंचे हैं लोग
शास्त्री मंच से जब ये ऐलान कर रहे थे तो आयोजकों के माथे पर भी पसीना देखा जा सकता था. आयोजन समिति के प्रमुख राज शेखर ने भी ऐलान किया कि दिव्य दरबार स्थगित कर दिया जाए और लोग कम संख्या में हनुमंत कथा सुनने पहुंचें. 17 मई तक कथा का संचालन होता रहेगा. इस कथा में न केवल बिहार बल्कि दूसरे राज्यों से भी लोग पहुंच रहे हैं. नेपाल से भी बड़ी तादाद में लोग पटना पहुंचे हैं. कई लोग ऐसे हैं जो पांच दिन तक इसी इलाके में रहेंगे.
15 मई को लगना था दिव्य दरबार
गौरतलब है कि धीरेंद्र शास्त्री 13 मई को यहां पहुंचे थे और 17 मई तक रुकेंगे. वो 15 मई को दिव्य दरबार लगाने वाले थे. इसे देखते हुए प्रशासन भी चौकस था. कथा के साथ ही दिव्य दरबार में भारी भीड़ उमड़ने की उम्मीद थी. इसलिए जिला प्रशासन ने पुलिस बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती के निर्देश दिए थे.