मां, मैं जल्द मिशन फतह कर लौटूंगा..रुला देंगे राजौरी में शहीद हुए प्रमोद के अंतिम शब्द
जम्मू संभाग के राजौरी में शुक्रवार को आतंकियों से मुठभेड़ में भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो गए थे. इसमें उत्तराखंड निवासी रुचिन सिंह रावत, पश्चिम बंगाल के सिद्धांत क्षेत्री, जम्मू-कश्मीर के नीलम सिंह और हिमाचल प्रदेश के अरविंद कुमार व प्रमोद नेगी ने शहादत दी थी. सिरमौर जिला निवासी प्रमोद नेगी करीब 6 साल पहले देश की सेवा के लिए स्पेशल फोर्स में भर्ती हुए थे. उनकी तैनाती जम्मू-कश्मीर के राजौरी में थी. शुक्रवार को जैसे ही उनकी शहादत की खबर सिलाई क्षेत्र में पहुंची तो पूरे इलाके में गम का माहौल हो गया.
प्रमोद नेगी के परिवार में उनकी माता तारा देवी, पिता देवेंद्र नेगी, बहन और छोटा भाई है. भाई भी सेना में है. प्रमोद की अभी शादी नहीं हुई थी. जब उनका पार्थिव शरीर हिमाचल प्रदेश के लिए लाया जा रहा था तो प्रदेश की सीमा पर पूर्व सैनिकों और स्थानीय लोगों ने नम आंखों से विदाई दी. इस दौरान लोगों ने भारत माता की जय, जब तक सूरज चांद रहेगा प्रमोद नेगी का नाम रहेगा के नार लगाए.
‘मैं जरूरी मिशन पर जा रहा हूं. हो सकता 10 दिन मोबाइल बंद रहे’
मिशन पर जाने से पहले प्रमोद ने अपनी माता से बात की थी. उन्होंने कहा था, “मां, मैं जरूरी मिशन पर जा रहा हूं. हो सकता 10 दिन मोबाइल बंद रहे. चिंता मत करना. मैं जल्द मिशन फतह कर लौटूंगा. उन्होंने गुरुवार रात करीब 11 बजे अपनी मां से बात की थी. इस दौरान घर का हाल-चाल पूछा था. इसके अगले दिन परिजनों को 12 बजे बेटे की शहादत की खबर मिली.” परिजन और रिश्तेदार बार-बार प्रमोद के अंतिम शब्दों को याद करके बेसुध हो रहे हैं. किसी ने भी सपने में नहीं सोचा था कि हाल-चाल लेने के कुछ ही घंटे बाद उन्हें ऐसी खबर मिलेगी.
कांगड़ा जिले के अरविंद कुमार ने भी दिया देश के लिए सर्वोच्च बलिदान
इसी मुठभेड़ में कांगड़ा जिले के अरविंद कुमार ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया है. उनके पैतृक गांव मरूंह में मातम का माहौल है. रविवार सुबह तक शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा. खराब मौसम के चलते उधमपुर से अरविंद का पार्थिव शरीर एयरलिफ्ट नहीं हो पाया. ऐसे में उधमपुर से सड़क मार्ग से पार्थिव शरीर रवाना किया गया है.
अरविंद के परिजनों ने बताया कि वह बचपन से बेहद साहसी और प्रतिभाशाली था. साल 2010 में पंजाब रेजिमेंट में भर्ती हुआ था. उसके महज चंद सालों में ही उसने स्पेशल फोर्स में अपनी जगह बना ली थी.