Monday, November 25, 2024
Samastipur

अपने दैनिक खानपान में सुधार कर जल्द हो सकते हैं ठीक टीबी के मरीज

 

भभुआ/ 5 मई- जिले के टीबी मरीजों के इलाज के लिए सरकार जहां नि:शुल्क उपचार व दवा उपलब्ध कराती है, वहीं उनके पोषण स्तर को ठीक करने के लिए निष्चय पोषण योजना के तहत राशि भी देती है। ताकि, टीबी के इलारत मरीज अपने आधार में सुधार कर सकें। यदि, मरीज अपने आधार में सुधार नहीं करेंगे, तो यह एक गंभीर समस्या बन सकती है। चिकित्सक के इलाज, दवाइयों के साथ-साथ सही और संतुलित आहार इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि खान-पान पर ध्यान ना देने के कारण टीबी के मरीजों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ सकती है। जिससे बीमारी का जोखिम और बढ़ जाता है। इसलिए टीबी के मरीजों को अपने डाइट में बदलाव करना चाहिए, जो उनके लिए फायदेमंद साबित हो सके।
यक्ष्मा रोगी रखें अपने खानपान का ध्यान:
प्रभारी संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. आर. के. चौधरी ने बताया कि यक्ष्मा के रोगियों को अपने आहार पर अधिक ध्यान देने की जरुरत होती है| टीबी के रोगी को अपनी प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी करने के लिए मोटे अनाज जैसे बाजरा, ज्वार सहित प्रतिदिन दूध का सेवन अवश्य करना चाहिए। सथ ही, विटामिन-सी, विटामिन-ए तथा विटामिन-ई युक्त फलों का सेवन करना जरूरी है। इसके लिए मरीजों को जरूरी विटामिनों तथा पोषक तत्वों से भरपूर नींबू, संतरा, आंवला, अमरूद एवं आम जैसे फलों का सेवन करना चाहिए। वहीं, हरी सब्जियां, टमाटर, शकरकंद तथा गाजर जैसी सब्जियां जिनमें एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होता है इनके सेवन से रोगों से लड़ने के लिए शरीर तैयार होता है|
निश्चय पोषण योजना के तहत भेजी जाती है राशि :
डॉ. चौधरी ने बताया, जिले में इलारत टीबी मरीजों को सरकार निश्चय पोषण योजना के तहत हर माह 500 रुपये उनके खाते में भेजती है। जिससे वे अपने आधार में पौष्टिक भोजन शामिल कर सकें। मरीज में टीबी संक्रमण की पुष्टि होने के बाद निश्चय पोर्टल पर उनका रजिस्ट्रेशन होता है। जिसके बाद उसी माह से उनके खाते में 500 रुपये जाने लगते हैं।
टीबी उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत :
डॉ. चौधरी ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वर्ष 2030 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है। लेकिन भारत सरकार ने वर्ष 2025 तक टीबी उन्मूलन का लक्ष्य निर्धारित किया है और इस संकल्प को पूरा करने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। इस अभियान को जन आंदोलन बनाने के लिए लोगों में टीबी के प्रति जागरूकता पैदा करनी होगी। अब टीबी उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। जिसके लिए प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की परिकल्पना सभी सामुदायिक हितधारकों को एक साथ लाने के लिए की गई है। इसके अलावा टीबी के प्रति प्रचार प्रसार को तेज और व्यापक किया जाएगा। जिससे लोगों तक जानकारी पहुंचे की जिले में टीबी का उपचार प्रभावी, सुलभ और नि:शुल्क है।

Kunal Gupta
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