Friday, October 25, 2024
Patna

पिछले पांच वर्षों में एईएस से पीड़ित हुए बच्चों का प्रतिदिन पूछा जाएगा हालचाल

मुजफ्फरपुर, 3 मई। पिछले पांच वर्षों के दौरान जीरो से दस वर्ष तक के वैसे बच्चे जिन्हें पूर्व में एईएस हो चुका है, आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका उनका प्रतिदिन हालचाल लेंगी। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पोषक क्षेत्रों को बांट कर इसे और आसान बनायेंगी। ये बातें बुधवार को जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने एईएस समीक्षा बैठक के दौरान कही। उन्होंने कहा कि बच्चों के हालचाल का ब्यौरा एक रजिस्टर में दर्ज होगा। ब्यौरा दर्ज करने के बाद एएनएम को वह रिपोर्ट करने के साथ एएनएम के साथ बैठक भी करनी होगी। हालचाल जानने के दौरान अगर बच्चों में स्वास्थ्य व पोषण संबंधी कमी दिखेगी तो उसके लिए भी तत्काल उपाय करने होंगे।

एईएस से मौत के अभी तक कोई मामला नहीं-

बैठक के दौरान जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि यह पहली बार है कि इस वर्ष अभी तक एक भी बच्चे की मौत एईएस से जिले में नहीं हुई है। पिछले वर्ष इस समय तक एक बच्चे की मौत एईएस के कारण हुई थी। हम अभी भी अपने जीरो डेथ और मिनिमम केस को लेकर संकल्पित हैं। मई और जून दोनों महीना एईएस के संदर्भ में अभी तक घातक सिद्ध हुआ है।

कार्यो को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करेगी बीएलटीएफ-

जिलाधिकारी प्रणव कुमार ने कहा कि एईएस व जेई संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण व प्रबंधन हेतु प्रभावित प्रखंडों में जिला टास्क फोर्स के निर्देशन में ब्लॉक टास्क फोर्स आवंटित कार्यों को जमीनी स्तर पर क्रियान्वित करेगी। इसके अलावा सूचना, संग्रहण, संप्रेषण एवं चिकित्सकीय प्रबंधन के प्रति संवेदनशील व समर्पित होकर दायित्व निर्वहन करेगी। जुलाई तक बीएलटीएफ पाक्षिक कार्यों की समीक्षा करेगी। प्रखंड के प्रभारी नोडल पदाधिकारी इसके अध्यक्ष होंगे। वहीं इसमें कुल 13 विभाग समन्वय स्थापित कर कार्यों का निर्वहन करेंगे। मौके पर जिलाधिकारी प्रणव कुमार, उप विकास आयुक्त आशुतोष द्विवेदी, अपर समाहर्ता आपदा डॉ अजय कुमार, सिविल सर्जन और जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश सहित भीबीडीसी प्रीतिकेश एवं अन्य शामिल थे।

Kunal Gupta
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