जीतन राम मांझी ने भगवान राम के अस्तित्व पर फिर उठाया सवाल, खुले मंच से कहा- वे काल्पनिक व्यक्ति थे
जीतन राम मांझी।नालंदा: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) रविवार को सिलाव प्रखंड के करियाना गांव पहुंचे. यहां सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म (Hindu Religion) में कभी सुधार नहीं होगा, जहां जात-पात ऊंच, नीच छुआछूत है, इसी के बहाने आज शासन चल रहा है और ये जब तक चलते रहेगा तब तक गरीबों के लिए खाई होती रहेगी. वहीं, भगवान राम (Lord Ram) को लेकर एक बार फिर उन्होंने अपनी बात दोहराई, उन्होंने कहा कि हम राम को नहीं मानते हैं, राम भगवान नहीं बल्कि एक काल्पनिक व्यक्ति हैं.
बौद्ध धर्म में जात-पात का कोई गुंजाइश नहीं है- जीतन राम मांझी
जीतन राम मांझी ने कहा कि डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कहा था कि जात-पात मिटना चाहिए. इसीलिए आप लोग जानते हैं कि 1956 में बुद्ध धर्म अपना लिए थे, बौद्ध धर्म में जात-पात का कोई गुंजाइश नहीं है. नौजवानों से कहना चाहते हैं कि समाज में ऐसी स्थिति पैदा करो कि जाति विहीन समाज बने और हर लोग एक दूसरे के बाल बच्चे से शादी करे. दूसरे जात पात में करे.
मुख्यमंत्री पद को लेकर एलान
वहीं, इस दौरान हम सेकुलर पार्टी के मुख्य प्रवक्ता विजय यादव ने मंच से यह एलान किया कि अगला मुख्यमंत्री संतोष कुमार मांझी या जीतन राम मांझी होंगे. बता दें कि जीतन राम मांझी ने कई बार खुले मंचों से भगवान राम को लेकर विदादित बयान दे चुके हैं. वे खुले मंचों से बोले चुके हैं कि वे राम को भगवान नहीं मानते हैं. उन्होंने कहा था कि राम केवल गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि की रचना के एक पात्र थे. ऐसे में गोस्वामी तुलसीदास और वाल्मीकि को तो मानता हूं, लेकिन राम को नहीं मानता हूं.