Sunday, October 6, 2024
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Manish Kashyap;CJI चंद्रचूड़ ने पूछा मनीष कश्यप पर आखिर NSA क्यों लगाया?सिब्बल बोले- 60 लाख फॉलोअर हैं

Manish Kashyap;सुप्रीम कोर्ट ने 21 अप्रैल को यूट्यूबर मनीष कश्यप (Youtuber Manish Kashyap) की याचिका पर सुनवाई करते हुए तमिलनाडु सरकार (Tamilnadu Government) से सवाल किया कि आखिर उनपर NSA क्यों लगाया गया? मनीष कश्यप की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे ने कहा कि हमारे क्लाइंट के खिलाफ कुल 6 FIR हैं और एनएसए लगा दिया गया। 3 एफआईआर बिहार में हैं और एनएसए भी है…।

NSA लगाने पर CJI ने जताई हैरानी
इस पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने हैरानी जताते हुए कहा कि हम सारी एफआईआर को क्लब कर देंगे लेकिन आखिर एनएसए क्यों लगाया गया? एनएसए…? इस पर तमिलनाडु सरकार की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने जवाब दिया, ‘मनीष कश्यप के 60 लाख के करीब फॉलोअर हैं और उन्होंने जो वीडियो अपलोड किए, वह पूरी तरह फेक थे’। सीजेआई ने कहा कि हम एफआईआर, तमिलनाडु से बिहार ट्रांसफर कर देंगे। सिब्बल ने दलील दी कि ये एफआईआर अलग-अलग मामलों में दर्ज हैं, ऐसे में इन्हें ट्रांसफर कैसे कर सकते हैं?

तमिलनाडु सरकार ने क्या दलील दी?
सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा- ‘आखिर इस आदमी (मनीष कश्यप) के खिलाफ ऐसी बदले की भावना क्यों है?’ इस पर तमिलनाडु सरकार की तरफ से सिब्बल ने जवाब दिया- वह एक राजनेता भी हैं। इस पर जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा कि मान लेते हैं फेक न्यूज़ है…। इस पर सिब्बल ने आगे दलील दी कि इससे भी एक कदम आगे बढ़कर वह (मनीष कश्यप) तमिलनाडु गए और कहा कि तमिलनाडु के लोग बिहार के प्रवासियों की हत्या कर रहे हैं… वहां जाकर लोगों का इंटरव्यू किया। ये चुनाव भी लड़ चुके हैं। जस्टिस नरसिम्हा ने कहा कि मामला तो फेसबुक पोस्ट से जुड़ा है।

सीजेआई चंद्रचूड़ ने क्या-क्या कहा?
सिब्बल की दलील पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि सभी वीडियो में एक ही बात है कि बिहारी प्रवासियों की हत्या की गई। हम अभियोजन को रद्द नहीं कर रहे हैं, लेकिन मामले की जांच बिहार पुलिस को करने दें…तमिलनाडु में कुछ भी नहीं किया है। वीडियो अपने सोशल हैंडल पर पोस्ट किये हैं। इस पर सिब्बल ने कहा कि- लेकिन वह तमिलनाडु गए थे और वहां जाकर मनगढ़ंत वीडियो बनाए।

सीजेआई ने सवाल किया कि ये (मनीष कश्यप) कहां बेस्ड हैं? उनके वकील ने कहा कि बिहार से काम करते हैं। इस पर सीजेआई ने कहा कि ये लोग तो कह रहे हैं कि वह तमिलनाडु गए थे। दवे ने कहा कि ठीक है इन्हें साबित करने दीजिए, लेकिन इस मामले में एनएसए नहीं लगाया जा सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या आदेश दिया?
सुप्रीम कोर्ट ने मनीष कश्यप को राहत देते हुए कहा कि फिलहाल उन्हें मदुरै की सेंट्रल जेल से कहीं और शिफ्ट न किया जाए। सीजेआई चंद्रचूड़ ने मनीष कश्यप के वकील को याचिका में संशोधन की भी छूट दी, ताकि एनएसए को चुनौती दी जा सके। कहा कि हम अभियोजन को रद्द करने के लिए नोटिस जारी करेंगे, लेकिन सारी एफआईआर बिहार ट्रांसफर कर देंगे। सीजेआई ने सिब्बल से यह भी कहा कि हम आपके जवाब का बारीकी से परीक्षण करेंगे।

 

बिहार सरकार ने क्या दलील दी?
सुनवाई के दौरान बिहार सरकार की तरफ से पेश एडवोकेट ने मनीष कश्यप को आदतन अपराधी करार दिया और कहा कि उनके खिलाफ 307 के मामले दर्ज हैं…दूसरे भी कई मुकदमे हैं।

क्या है NSA और कितनी है इस कानून में सजा?
राष्ट्रीय सुरक्षा कानून अथवा नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) ऐसे शख़्स पर लगाया जाता है, जिससे राष्ट्र की सुरक्षा या सद्भाव को खतरा हो या इसकी आशंका हो। यह कानून साल 1980 में लाया गया था। NSA का इस्तेमाल डीएम अथवा कलेक्टर और राज्य सरकार अपने दायरे में कर सकती हैं। एनएसए का सेक्शन-3 का सब क्लॉज-2 सरकार को गिरफ्तारी की शक्ति प्रदान करता है।

अब इस कानून के तहत गिरफ्तारी की बात करें तो आरोपी को पहले तीन महीने के लिए हिरासत में लिया जाता है। तीन महीने बाद इसकी अवधि 3-3 महीने के लिए आगे बढ़ाई जा सकती है। NSA के तहत किसी भी आरोपी को 12 महीने तक जेल में रखा जा सकता है।

Kunal Gupta
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