Sunday, November 24, 2024
Samastipur

अब मुजफ्फरपुर ही नहीं देश की हुई शाही लीची, बिहार की सीमा के पार भी लहलहा रहे पौधे

 

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर के शाही लीची के स्वाद से कौन वाकिफ नहीं है. इसके मिठास को केवल देश ही नहीं बल्कि दुनिया के हर कोने के लोगों ने महसूस किया है. भारत में तो मुजफ्फरपुर की शाही लीची हर साल राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए भेजी जाती रही है. इसके साथ ही आपको बता दें कि दुनिया के हर देश में इस लीची की डिमांड है और इसे हर यातायात के संसाधन के द्वारा दुनिया कोने-कोने में पहुंचाया जाता है.

 

ऐसे में अब आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर की शाही लीची अब पूरे देश की लीची बनने वाली है. इसके पौधे को लगाने को लेकर केरल और कर्नाटक के किसानों में खूब क्रेज देखा जा रहा है. इसके साथ ही आपको बता दें पहाड़ी इलाकों में भी अब आपको शाही लीची के लहलहाते पौधे दिख जाएंगे. मतलब अब शाही लीची के स्वाद के लिए देश के कोने-कोने में लोगों को मुजफ्फपुर से आनेवाली लीची का इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

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कर्नाटक में तो वहां के किसान इसके 20 हजार से अधिक पौधे ले गए हैं. वहीं केरल में भी किसानों की डिमांड शाही लीची के पौधे के लिए तेजी से बढ़ी है. इसके साथ ही आपको बता दें कि केरल में तो इसके पौधे कई हेक्टेयर में रोपित भी किए गए हैं. वहीं झारखंड के पहाड़ी इलाकों में भी 4 हजार से ज्यादा शाही लीची के पौधे मुजफ्फरपुर से भेजे गए हैं.

यह तो हुई देश की बात लेकिन क्या आपको पता है कि देश के अलावा विदेशों से भी इस लीची के पौधे की डिमांड आ रही है लेकिन सरकार के साथ इसको लेकर सहमति नहीं बन पाई है इसलिए इंडोनेशिया और सउदी अरब जैसे देशों से लगातार मांग के बाद भी इसके पौधे नहीं भेजा जा रहे हैं.

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राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र की वजह से लगातार शाही लीची के पौधे को अन्य जलवायु पर लगाने और खेती को आसान बनाने के तरीके पर सफल काम किया गया है और इसी का नतीजा है कि आज शाही लीची के पौधे देश के कई हिस्सों में सफलतापूर्वक रोपित किए जा सकते हैं. कर्नाटक, केरल, छतीसगढ़, ओडिशा, पंजाब, यूपी और झारखंड के किसानों ने तो मिट्टी के साथ नई तकनीकी प्रयोगों के जरिए इस शाही लीची के पौधे को लगाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है.

Kunal Gupta
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