कालाजार उन्मूलन को लेकर कालाजार के लक्षणों की पहचान व उससे बचाव के उपाय बताए गए
बेतिया, 27 मार्च। कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर जिले के चयनित प्रखंडों, बेतिया, गौनाहा, नरकटियागंज, मधुबनी के स्वास्थ्य केंद्रों में आशा कार्यकर्ताओं का भीबीडीएस व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के सहयोग से कालाजार उन्मुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को कालाजार उन्मूलन के लिए उपाय बताए गए। जिले के गौनाहा पीएचसी में आशा कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देते हुए प्रशिक्षक सुजीत कुमार ने कहा कि बालू मक्खी के काटने से कालाजार होता है। उन्होंने कालाजार के लक्षणों की पहचान व उससे बचाव के उपाय बताए।
क्षेत्र में लोगों को कालाजार से बचाव के बारे में जागरूक करें:
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ हरेन्द्र कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण के उपरांत सभी आशा कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को कालाजार से बचाव के बारे में जानकारियां देकर उन्हें जागरूक करेंगी । कालाजार के संपूर्ण उन्मूलन के लिए जागरूकता जरूरी है। इसके लिए सरकार की तरफ से आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि के रूप में 100 रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। आशा कार्यकर्ता छिड़काव होने से पहले घर-घर जाकर लोगों को इसकी जानकारियां देंगी। उन्होंने बताया कि छिड़काव चक्र के दौरान चयनित गांवों के सभी घरों एवम गौशाला के अंदर पूरी दीवार पर डीडीटी का छिड़काव किया जाना चाहिए। अगर एक भी घर छिडकाव से वंचित रह गया, तो बालू मक्खी के पनपने का खतरा बना रहेगा।
कालाजार के लक्षण:
दो सप्ताह या दो सप्ताह से अधिक दिनों तक बुखार का रहना। बुखार के साथ सिहरन या ठंड के साथ बुखार का आना कालाजार के प्रमुख लक्षण हैं। 15 दिनों से अधिक समय से बुखार रहना और बुखार कम नहीं होना कालाजार के लक्षण हैं। कालाजार मरीज के शरीर में खून की कमी होने लगती है। समय पर इलाज नहीं कराने पर मरीज की मौत भी हो सकती है।