Tuesday, October 22, 2024
Patna

बिहार के जवान की सड़क दुर्घटना में मौत,400 मीटर गहरी खाई में गिरा सेना का वाहन

सारण: सारण के जवान की उत्तराखंड में एक सड़क हादसे कै दौरान मौत हो गई. रविवार को जवान का पार्थिव शरीर उसके पैतृक गांव लाया गया. डीएम राजेश मीणा ने शहीद के परिजनों को 11 लाख रुपये का चेक दिया.नम आंखों से आमलोगों के साथ सांसद जनार्धन सिंह सिग्रीवाल ने जवान को अंतिम बिदाई दी.

क्या है पूरा मामला
शुक्रवार को नाभीढांग से गुंजी की ओर आ रहा सेना का वाहन अनियंत्रित होकर कालापानी के पास करीब 400 मीटर गहरी खाई में गिर गया. इस हादसे में 119 इंफेंट्री ब्रिगेड सिग्नल यूनिट में तैनात वाहन चालक नायक शशिकांत पांडेय (32) की मौके पर ही मौत हो गई. शहीद जावन के अन्य साथियों ने बताया कि जब वो ट्रक चला रहे थे तो वो वाहन में अकेले सवार थे. सारण की पुलिस को घटना की जैसे ही सूचना मिली तो वो जवान के पार्थिव शरीर को लाने के लिए तुरंत रवाना हो गई.रविवार को जवान का पार्थिव शरीर धारचूला लाया गया. जहां जिले के वरीय अधिकारियों की उपस्थिति में जवान को गॉड ऑफ ऑनर दिया गया.

रक्षामंत्री ने हर संभव  मदद का दिया आश्वासन
घटना की जानकारी मिलते ही महाराजगंज सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल मौके पर पहुंच पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाया. सांसद ने रक्षा मंत्री से फोन पर बात कर शहीद जवान की बहन को रोजगार उपलब्ध कराने तथा प्रावधान के अतिरिक्त मदद करने की अपील की.  रक्षामंत्री ने आश्वासन दिया है. सांसद ने शहीद को पुष्पांजलि दी. इधर, मौके पर मौजूद भाजपा नेता अजित सिंह ने पीड़ित परिवार को पच्चीस लाख रुपये देने की मांग की है. जानकारी हो कि शहीद की पत्नी चांदनी देवी बिहार पुलिस में कार्यरत्त हैं. भाजपा नेता ने बताया कि देश की रक्षा कर रहे किसी भी बेटे की मौत का भरपाया नहीं किया जा सकता है. शहीद की मौत पर किसी भी मंत्री का मौके पर नहीं पहुंचने पर नराजगी जताया गया.

डीएम ने परिवार को सौंपा 11 लाख रुपये का चेक
जिलाधिकारी राजेश मीना ने शहीद की पत्नी को तत्काल ग्यारह लाख का चेक प्रदान किया. उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को हर सम्भव मदद किया जाएगा. साथ ही जो भी मांग है उन्हें सम्बंधित विभाग को प्रेषित किया जाएगा. परिजनों को मदद की आश्वासन दी गयी. इधर, एकलौते बेटे की मौत ने पूरे परिवार को तोड़ दिया है. पिता ने किसानी कर बेटे को सेना में भेजा था. उसे बेटे पर नाज था, लेकिन बेटा बुढ़ापे का सहारा नहीं बन पाया.इनपुट– अजीत सिंह और राकेश कुमार

Kunal Gupta
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