मां 7 वीं और पिता मैट्रिक पास,बिहार के बेटे ने UPSC में लहराया परचम,भू-वैज्ञानिक बनकर बढ़ाया परिवार का मान
UPSC Exam Result:जमुई. सच ही कहा गया है परिस्थितियां लाख प्रतिकूल हो अगर इंसान के अंदर कुछ कर दिखाने का जज्बा हो तो उसे कामयाबी मिल ही जाती है. तभी तो जमुई (Jamui) जिले के एक गरीब साधारण परिवार के लाल ने लगन और मेहनत के बल पर कामयाबी का परचम लहराया है. मैट्रिक पास एक दुकानदार का बेटा यूपीएससी (UPSC) परीक्षा पास कर भू- वैज्ञानिक (Geologist) बन गया है. जमुई शहर के महिसौरी मोहल्ले का रहने वाला सागर कुमार वर्णवाल ने बीएचयू (BHU) से जिओलॉजी में एमएससी (MSC) की पढ़ाई की है. नमकीन और दालमोट का दुकान चलाने वाले एक साधारण व्यवसायी के बेटे की सफलता की चर्चा पूरे जिले में हो रही है.
बता दें, जियो साइंटिस्ट बने सागर की मां सातवीं तक पढ़ी है जबकि पिता मैट्रिक पास. प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाला चाहे कोई छात्र हो या कोई परिवार जिसके घर का सदस्य अगर देश की सबसे अच्छी सरकारी सेवा को चयन करने वाली संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर लेता है तो परिवार का सीना चौड़ा हो ही जाता है. जमुई के रहने वाले सागर और उनके परिवार के लोग भी कुछ इसी तरह का महसूस कर रहे हैं जहां परीक्षा परिणाम आने के बाद ही से एक दूसरे को मिठाईयां खिलाकर लोग शुभकामना और बधाइयां दे रहा है.
यूपीएससी परीक्षा में 61वां रैंक
बताया जा रहा है कि किसी ने सोचा भी नहीं था कि एक साधारण दुकानदार का बेटा भू- वैज्ञानिक बन जाएगा. सागर कुमार वर्णवाल दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा में 61वां रैंक प्राप्त हुआ है. जानकारी के अनुसार सागर बचपन से ही पढ़ने में तेज था. मेहनत और लगन के साथ पढ़ाई करने वाला सागर इंटर तक की पढ़ाई जमुई शहर के ही स्कूल कॉलेजों में हुई जबकि पटना के साइंस कॉलेज से भूविज्ञान में बीएससी और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से इसी विषय में मास्टर डिग्री हासिल की. बचपन से ही कुछ अलग विषय चुनकर बेहतर करने की सोच रखने वाला सागर भूवैज्ञानिक ही बनना चाहता था.
दालमोट-नमकीन का दुकान चलाते हैं पिता
सागर की मां रेखा देवी गृहणी है जिन्होंने सातवीं तक पढ़ाई की है. वहीं उसके पिता मदन वर्णवाल मैट्रिक पास है, जो अपने घर से ही दालमोट और नमकीन का दुकान चलाते हैं. सागर की एक बहन शिक्षिका है जबकि दूसरी बहन आईआईटी कानपुर से पीएचडी कर रही है. सागर के सफलता पर उसके परिवार वालों के आंखों में खुशी के आंसू नजर आ रहे हैं.
शहर में बढ़ा परिवार का मान-सम्मान
सागर के पिता मदन वर्णवाल ने बताया कि शुरू से ही उसकी इच्छा थी कि उसके बच्चे पढ़ लिखकर कामयाब बने, तमाम कठिनाई और आर्थिक परेशानी को किनारे करते हुए उसने अपने बच्चों को पढ़ाया जिसका परिणाम है कि आज उसका बेटा साइंटिस्ट हो गया, जिससे जिले में उनका मान-सम्मान भी बढ़ गया है. भू वैज्ञानिक बने सागर ने बताया कि वह अपनी सफलता का सारा श्रेय माता-पिता को देता है, जिन्होंने मुश्किलों को झेलते हुए उसे पढ़ाया- लिखाया. सागर के अंदर बचपन से ही कुछ अलग करने की चाहत थी. इसी कारण सागर ने जियओलॉजी विषय को चुनकर आगे की पढ़ाई की और फिर यह सफलता पाई. सागर ने दूसरे छात्रों से कहा कि लक्ष्य को चुनकर लगन और मेहनत के साथ कोशिश करें, सफलता जरूर मिलेगी.