सीवान में पायलट प्रोजेक्ट लागू,अब सीओ के अलावा यह अधिकारी भी कर सकेंगे दाखिल खारिज,जानें कैसे…
सीवान: बिहार के सीवान में लोगों को अब दाखिल-खारिज कराने में परेशानी नहीं होगी. पहले की अपेक्षा अब तय समय के तहत दाखिल खारिज होगा.जिससे लोगों को अब कार्यालयों का कम चक्कर लगाना पड़ेगा. साथ ही बिचौलियों से भी छुटकारा मिलेगा. दरअसल, सीवान में अब पायलट प्रोजेक्ट लागू हो गया है.
इससे अब सिर्फ सीओ ही नहीं बल्कि राजस्व पदाधिकारी भी जमीनों का दाखिल खारिज कर सकेंगे. जिससे कम समय में दाखिल खारिज होगा. तथा लोगों को बार-बार कार्यालय जाना नहीं पड़ेगा. सीवान जिले के सदर प्रखंड में ही पायलट प्रोजेक्ट लागू हुआ है.
सीवान के सिर्फ सदर प्रखंड में ही पायलट प्रोजेक्ट लागू:
बिहार में सीवान जिला के सदर प्रखंड से ही यह पायलट प्रोजेक्ट लागू हुआ है. प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल के अंत तक जिले के सभी प्रखंडों में लागू हो जाएगा. पायलट प्रोजेक्ट लागू होने से दाखिल खारिज करने की समस्या कम होगी और कम समय में ही दाखिल खारिज हो जाएगा.जहां राजस्व पदाधिकारी को भी अब सीओ की शक्तियां प्रदान कर दी गई है.
जानें सीओ और राजस्व अधिकारी कैसे करेंगे दाखिल खारिज:
अब राजस्व अधिकारी यानि आरओ और सीओ की तरह दाखिल-खारिज कर सकेंगे. राज्य सरकार ने ऑनलाइन दाखिल-खारिज को लेकर मौजूदा व्यवस्था में बदलाव करते हुए आरओ को सीओ की शक्ति प्रदान कर दी है. हालांकि इनके बीच कार्य का बंटवारा हलका के अंक के आधार पर किया गया है.सम संख्या वाले हलके का काम आरओ करेंगे तो वही विषम संख्या वाले हलका के दाखिल-खारिज का काम सीओ करेंगे.
फर्स्ट इन लास्ट के तर्ज पर होगा दाखिल खारिज:
दाखिल खारिज में फीफो अर्थात फर्स्ट इन फर्स्ट आउट का पालन अनिवार्य कर दिया गया है. अर्थात, पहले आए आवेदन का निपटारा पहले करना होगा. आवेदनों का निपटारा क्रमानुसार अनिवार्य होगा. यह क्रम नहीं तोड़ा जा सकेगा. क्रमवार सूची के वाद का निष्पादन क्रमवार ही होगा.अगर इसके निष्पादन में परेशानी है तो उसे एक दिन के लिए सूची से हटाया जा सकता है. पर अगले दिन वह सूची में फिर से रहेगा. अगले दिन सूची से हटाने के पहले कारण बताना अनिवार्य होगा. यह भी बताना होगा कि कितने दिनों से उसे हटाया जा रहा है.
जानें कैसा कर सकेंगे दाखिल खारिज के लिए आवेदन:
अंचल कार्यालय के कार्यपालक सहायक अरुण बताते हैं कि दाखिल खारिज कराने के लिए सबसे पहले जमीन का ओरिजनल दस्तावेज या उसका फोटो लाना होता है. उसके पश्चात राजस्व विभाग के पोर्टल पर दिए गए साइट पर खोलकर क्रमानुसार भरा जाता है. इसके बाद रसीद प्राप्त होती है. जिसपर वाद संख्या दर्ज होता है. उसे कार्यालय में जमा ककरना होता है. सबसे पहले आवेदन कर्मचारी के पास जाता है. राजस्व कर्मचारी के वेरिफिकेशन के बाद व राजस्व पदाधिकारी और सीओ के पास जाता है. जिसके वेरिफिकेशन के पश्चात ही दाखिल खारिज होता है.दाखिल खारिज करने के पश्चात ही जमीन का रसीद कटता है.
राज्य के पांच जिलों में लागू हुआ है पायलट प्रोजेक्ट:
सीवान के एडीएम जावेद अहसन ने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट यह सरकार की महत्वपूर्ण पहल है. जल्द ही इसे पूरे बिहार में लागू होगा. इससे दाखिल खारिज में अनावश्यक विलंब नहीं होगा और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. उन्होंने बताया कि पायलट प्रोजेक्ट बिहार के कुल 5 जिलों में लागू हुआ है. जिसमें सीवान भी शामिल है.