Makar Sankranti 2023: बिहार में 15 जनवरी को मकर संक्रांति, जानें क्या दान करने से बनी रहेगा कृपा, न करें ये गलती
Makar Sankranti Bihar 2023:पटना: बिहार में इस बार मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाया जाएगा. मकर संक्रांति के दिन पूजा-पाठ और दान का विशेष महत्व माना जाता है. अध्यात्म से जुड़े लोगों को इस दिन का इंतजार रहता है. मकर संक्रांति के दिन से सभी शुभ कार्य शुरु हो जाते हैं. मकर संक्रांति के दिन सबसे अधिक नदियों में स्नान करना और ब्राह्मण एवं गरीब-असहाय लोगों को दान करने का विशेष महत्व है. स्नान, दान, पूजा से शनिदेव और विष्णु देव दोनों की कृपा बनी रहती है.
पटना के प्रख्यात ज्योतिषाचार्य रविंद्र नाथ तिवारी बताते हैं कि मकर संक्रांति के दिन मकर राशि का प्रवेश होता है. उसी दिन सूर्य उत्तरायण होते हैं. मकर राशि के गुरु शनिदेव हैं. मकर राशि शनिदेव का घर माना जाता है. शनिदेव हिंदी महीने के माघ और फाल्गुन महीने में निवास करते हैं. मकर राशि माघ महीने में प्रवेश करती है इसलिए मकर संक्रांति के दिन शनिदेव की पूजा होती है.
दान करने से खुश होते हैं भगवान
पंडित रविंद्र नाथ तिवारी कहते हैं कि शनिदेव के आराध्य देव भगवान विष्णु हैं, इसलिए माघ महीने का शुद्ध नाम माध है. माध का अर्थ होता है माधव और माधव शब्द भगवान कृष्ण से जुड़ा हुआ है. ज्योतिष ज्ञान के अनुसार माघ महीने में शनिदेव और विष्णु दोनों विराजमान होते हैं. इस कारण शनिदेव और विष्णु के प्रिय चीज के दान से दोनों भगवान खुश होते हैं.
मकर संक्रांति के काला तिल और गुड़ का दान अवश्य करना चाहिए. काला तिल भगवान शनिदेव और पीला गुड़ भगवान विष्णु का प्रतीक है. दोनों वस्तु दोनों भगवान को प्रिय है. इसके अलावा काला कंबल गरीब असहाय लोगों को दान करना चाहिए. पीला वस्त्र दान करना भी विशेष फलदायी है. अगर सामर्थ्य हैं तो काला गाय और सवर्ण या कोई भी पीला धातु दान करें. ब्राह्मण एवं गरीब असहाय को भोजन कराएं. इससे शनिदेव खुश रहते हैं और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है.
शनि देव को तिल पसंद
रविंद्र नाथ तिवारी बताते हैं कि लोगों में भ्रांतियां है कि रविवार के दिन तिल नहीं खाया जाता है जबकि किसी भी शास्त्र या ग्रंथ में ऐसी बातें नहीं है. पूरा माघ महीना और फाल्गुन में शनिदेव विराजमान रहते हैं. शनि देव को तिल बहुत ज्यादा प्रिय है.
मकर संक्रांति के दिन संगम में स्नान का महत्व
मकर संक्रांति के दिन संगम में स्नान करने का विशेष महत्व माना जाता है. जहां एक नदी से दो या तीन नदियां जुड़ती है वह संगम होता है. इस जगह पर स्नान का विशेष महत्व है. बिहार में उत्तर वाहिनी गंगा स्थल सिमरिया के अलावा पटना का फतुहा गंगा, पुनपुन का त्रिवेणी संगम भी है जहां मकर संक्रांति के दिन भीड़ जुटती है.
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