Tuesday, November 26, 2024
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BSSC ने रद्द की पहली पाली की परीक्षा:45 दिन के अंदर फिर से होगा एग्जाम..

BSSCबिहार कर्मचारी चयन आयोग ने तृतीय स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता (प्रारंभिक) परीक्षा की प्रथम पाली की परीक्षा रद्द कर दी है। आयोग ने कहा है कि 45 दिनों के अंदर फिर से एग्जाम होगा।

 

 

बता दें कि भास्कर सबसे पहले इस परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक होने की खबर सामने लाया था। छात्र नेता दिलीप कुमार ने आर्थिक अपराध इकाई के साथ ही भास्कर के पास भी लीक प्रश्न पत्र के पन्ने भेजे थे। इसे भास्कर की टीम ने सेंटर पर जाकर छात्रों से पूछ कर मिलाया था।

 

दैनिक भास्कर ने छात्रों के साथ-साथ एक्सपर्ट अरुण कुमार, एक्सपर्ट गुरु रहमान का पक्ष भी सामने लाया। सभी की यही मांग रही कि यह परीक्षा रद्द की जाए। माले के राज्य सचिव कुणाल के साथ ही कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता असित नाथ तिवारी ने भी परीक्षा को रद्द करने की मांग की थी।

 

इस मामले में महागठबंधन के अंदर ही नीतीश-तेजस्वी सरकार घिरने लगी थी! माले के विधायक संदीप सौरभ ने तो मांग की कि प्रतियोगिता परीक्षा लेने वाले आयोगों में तीन साल से अधिक समय से जमे अफसरों और कर्मियों का ट्रांसफर होना चाहिए और जिन पर गंभीर आरोप हों उन पर सख्त कार्रवाई हो।

 

इन तमाम खबरों के साथ भास्कर ने आर्थिक अपराध इकाई से जुड़ी जांच की अपडेट खबर सामने लाई। सोमवार की रात आयोग ने प्रथम पाली की परीक्षा को रद्द करने से जुड़ा प्रेस नोट जारी कर दिया।

 

आंदोलन की तैयारी तेज हो गई थी

 

सोमवार को छात्र नेता दिलीप कुमार ने पटना कॉलेज में छात्रों के साथ मीटिंग की थी। साथ ही उन्होंने छात्रों के साथ सड़क मार्च भी किया। छात्रों के साथ मीटिंग के बाद तय किया गया कि 29 दिसंबर को सोशल मीडिया पर इसको लेकर मुहिम चलायी जाएगी और 4 जनवरी को पूरे बिहार के अभ्यर्थी सड़क पर उतर कर आंदोलन करेंगे।

 

भास्कर ने सोमवार की सुबह खबर लायी थी- ‘ BSSC पेपर लीक मामले में आर-पार की लड़ाई की तैयारी’। दिलीप कुमार ने तीनों पालियों की परीक्षा रद्द करने की मांग के साथ-साथ सीबीआई जांच की मांग की।

 

उनका कहना है कि तीनों पालियों के प्रश्न पत्र कैसे सोशल मीडिया पर दिख रहे हैं जबकि आयोग किसी अभ्यर्थी को प्रश्न पत्र ले जाने नहीं देता और न ही किसी को मोबाइल आदि लेकर आने की छूट है। इसलिए सभी पालियों की परीक्षा रद्द होनी चाहिए।

 

 

किसी भी अभ्यर्थी के साथ भेदभाव नहीं होने दिया जाएगा- बिहार कर्मचारी चयन आयोग

 

23 दिसंबर को जिस दिन प्रथम पाली की परीक्षा ली गई उस दिन ही कर्मचारी चयन आयोग ने मान लिया था कि प्रश्न पत्र लीक हो गया है। आयोग ने आर्थिक अपराध इकाई को इसकी जांच का जिम्मा भी दे दिया था। जांच लगातार जारी है।

कई लोगों की गिरफ्तारियां हो चुकी हैं और आर्थिक अपराध इकाई ने सॉल्वर को सोमवार को जेल भी भेज दिया है। छात्र नेता दिलीप कुमार को सोमवार की शाम आर्थिक अपराध इकाई ने अपने ऑफिस में बुलाया था और पूछताछ की थी।

 

बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने सोमवार की रात पत्र जारी कर बताया कि ‘ 23 दिसंबर 2022 को दो चरणों में और 24 दिसंबर को एक चरण में राज्य के 38 जिलों के 528 परीक्षा केंद्रों पर प्रारंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी।

 

23 दिसंबर को प्रथम चरण की परीक्षा के दौरान प्रश्न पत्रों के कुछ पन्ने वॉट्सऐप पर प्रसारित हुए जिनका मिलान करने पर ज्ञात हुआ कि प्रश्नों के पन्ने प्रथम चरण की परीक्षा से संबंधित हैं। सूक्ष्म सत्यापन और जांच के क्रम में उस केन्द्र के संबंध में भी ज्ञात हुआ जहां से प्रश्न पत्र के पन्ने बाहर आए।

 

 

परीक्षा को रद्द करने में तनिक भी देर नहीं करेगा

 

आर्थिक अपराध इकाई पटना के साथ इस संबंध में उपलब्ध महत्वपूर्ण जानकारियां साझा की गईं और तत्काल अनुसंधान की अग्रिम कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया। आयोग द्वारा इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सभी अभ्यर्थियों को आयोग की वेबसाइट पर दी गई आवश्यक सूचना के माध्यम से उसी दिन आश्वस्त किया गया था कि प्रश्नपत्र के परीक्षा केंद्र से बाहर आने से यदि परीक्षा की स्वच्छता और पारदर्शिता तनिक भी प्रभावित हुई होगी तो आयोग प्रथम चरण की परीक्षा को रद्द करने में तनिक भी देर नहीं करेगा।

 

अभी तक की जांच के क्रम में कुछ ऐसे प्रमाण मिले हैं जो परीक्षा की स्वच्छता और पारदर्शिता को दूषित करना इंगित करते हैं। इसलिए विचार करने के बाद आयोग द्वारा 23 दिसंबर को आयोजित प्रथम चरण यानी 10:00 बजे पूर्वाह्न से 12:15 बजे अपराह्न तक की परीक्षा को रद्द करने का निर्णय लिया गया है।

 

45 दिनों के अंदर आयोजित की जाएगी

 

प्रथम चरण के सभी अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि उनकी प्रारंभिक परीक्षा अगले 45 दिनों के अंदर आयोजित की जाएगी। इस परीक्षा के अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया जाता है किसी भी अभ्यर्थी के साथ भेदभाव नहीं होने देगा। आयोग के लिए अभ्यर्थियों का हित सर्वोपरि है। सभी अभ्यर्थियों को सूचित किया जाता है कि परीक्षा से संबंधित किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं दें और किसी के बहकावे में नहीं आएं।’

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