DM हो तो ऐसा;कचरा चुनते देखा तो डीएम ने रोकी गाड़ी,लाया ऑफिस,अब सरकार उठाएगी पढ़ाई का खर्च
DM हो तो ऐसा;मुंगेर.मुंगेर में कल तक कचरा बीनने वाला 7 साल का शिवा मांझी अब पढ़ लिख कर सैनिक बनेगा। मुंगेर के DM ने उसकी किस्मत बदल दी। मुंगेर महोत्सव के दौरान डीएम की नजर पड़ी। इसके बाद उन्होंने उसे गाड़ी से कार्यालय लेकर आए और नई ड्रेस देकर बाल कल्याण को सौंप दिया।
इस पर शिवा मांझी ने खुशी जाहिर करते हुए कि मैं रोजाना कचरा चुनता था। मगर आज डीएम साहब मुझे बुलाकर अपने गाड़ी में उठाकर लेकर चले आए। स्कूल ड्रेस के अलावा पढ़ने के लिए कॉपी किताब बैग दिलवाया। मैं अब पढ़ लिखकर सैनिक बनूंगा।
दरअसल, मुंगेर महोत्सव के अवसर पर आज डीएम नवीन कुमार कष्टहरणी घाट स्थित पार्क में पौधरोपण के लिए गए थे। इस दौरान उनकी नजर पार्क में मौजूद 7 वर्षीय शिवा मांझी पर पड़ी। वह इधर-उधर कचरा चुनते दिख रहा था। जिसके बाद डीएम ने बच्चे को बुलाया तो वह डर कर वहां से भागने लगा। तभी डीएम के अंगरक्षक ने बच्चे को दौड़ कर पकड़ा और उसे डीएम के समक्ष लेकर आए।
शिवा मांझी अपने भाई बुद्धन मांझी और भाभी शनिचरी देवी के साथ रहता है।
डीएम ने उससे काफी देर तक पूछताछ की। इस दौरान शिवा मांझी ने डीएम को बताया कि उसके माता-पिता नहीं है। उसके तीन भाई है। कचरा चुनकर ही वह अपने जीवन यापन करता। जिसके बाद डीएम ने बच्चे से पूछा कि क्या तुम पढ़ना चाहते हो, जिस पर बच्चे ने कहा कि पढ़ना तो चाहता हूं मगर मेरे पास पढ़ने के लिए पैसे नहीं।
डीएम के आदेश के बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बाजार से बच्चे का स्कूल ड्रेस, स्वेटर, टोपी, स्कूल बैग, किताब-कॉपी समेत अन्य चीजें मंगाकर दी।
यह सुनते ही डीएम भावुक हो गए और उस बच्चे को पौधरोपण करने के बाद उसे अपने गाड़ी में बैठा कर सीधे कलेक्ट्रेट ले गए। इसके बाद उन्होंने बाल कल्याण पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी को फोन पर निर्देश देते हुए तुरंत कलेक्ट्रेट आने को कहा। जब बाल कल्याण पदाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारी डीएम के ऑफिस में घुसे तो इस दौरान डीएम ने इन दोनों पदाधिकारियों को सारी घटना से वाकिफ कराया।
जानकारी के मुताबिक बालक किला परिसर स्थित महादलित बस्ती मुसहरी निवासी स्वर्गीय सुरेश मांझी का पुत्र शिवा मांझी है।
डीएम के निर्देश मिलते ही बाल कल्याण पदाधिकारी द्वारा बच्चे को ले जाकर बाल कटवा और उसे नहला कर विद्यार्थी का पोशाक पहना कर डीएम को इसकी जानकारी दी गई। इसके बाद जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा बाजार से उस बच्चे का स्कूल ड्रेस स्वेटर टोपी स्कूल बैग किताब कॉपी अन्य चीज मंगा कर दी गई। इन दोनों पदाधिकारियों के द्वारा डीएम के समक्ष ले जाया गया। वहीं, बच्चे के बदले रूप को देखकर सभी पदाधिकारी भी अचंभित हो गए।
वहीं शिवा मांझी के भाई बुद्धन मांझी, भाभी शनिचरी देवी ने बताया कि हम कभी सपनों में भी नहीं सोचे थे कि मेरा शिवा पढ़ पाएगा। लेकिन डीएम सर द्वारा जो आज यह कार्य किया गया इसके लिए मैं जीवन भर आभारी रहूंगी।