Sunday, November 24, 2024
Vaishali

राजगीर महोत्सव में हर्बल टी गार्डन बना आकर्षण का केंद्र, ‘पगला बाबा’ से है इसका कनेक्शन..

 

राजगीर महोत्सव .पटना।
नालंदा: अंतरराष्ट्रीय राजगीर महोत्सव में इन दिनों हर्बल टी गार्डन चर्चा का विषय बना हुआ है. लोग जमकर इसकी तारीफ कर रहे हैं. इस हर्बल टी गार्डन को मिथिलेश कुमार संतोषी उर्फ पिंटू गुप्ता ने सजाया है. राजगीर महोत्सव में लोग हर्बल चाय की चुस्की के साथ-साथ इनके देशभक्ति गीतों पर किए जा रहे डांस को भी खूब इंजॉय कर रहे हैं. लोग उन्हें यहां ‘पगला बाबा’ के नाम से जानने लगे हैं.

दरअसल, नालंदा में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय राजगीर महोत्सव चल रहा है. इस बार ये महोत्सव हर्बल टी गार्डन के वजह से काफी खास हो गया है. ये स्टॉल खूब सुर्खियां बटोर रहा है. इस स्टॉल को राजगीर महोत्सव में ग्राम श्री मेला के समीप लगाया गया है. इस स्टॉल पर पर्यावरण संरक्षण, कचरा प्रबंधन, देश और जनहित के संदेश लिखे गए हैं.

 

पांच दिसंबर तक लगेगा यह स्टॉल

इस हर्बल टी गार्डन में चाय पीने आने वाले लोगों के बीच मिथिलेश कुमार ऐसी हरकत करते हैं जिससे लोग हंसते-हंसते लोटपोट हो जाते हैं. ये स्टॉल पांच दिसंबर तक यहां लगाया जाएगा. हर्बल टी गार्डन के संचालक मिथिलेश कुमार संतोषी उर्फ पिंटू गुप्ता ने बताया कि इस तरह से राजगीर महोत्सव में उन्होंने पहली बार स्टॉल लगाया है. कहा कि पगला बाबा नाम इसलिए दिया गया क्योंकि उनके माता-पिता उन्हें पगला कहा करते थे. इसलिए इस तरह का रोजगार देखकर लोग भी पगला बुलाने लगे. बताया कि वह पागल नहीं थे फिर भी परिवार वालों ने रांची में तीन बार इलाज भी करवा दिया.

31 प्रकार की चाय बनाते हैं मिथिलेश

आगे मिथिलेश ने बताया कि उन्हें पूजा पाठ में भी काफी मन लगता है. वह भगवान के आशीर्वाद से ही आगे बढ़ रहे हैं. बताया कि नवादा उनकी जन्म भूमि है लेकिन कर्म भूमि राजगीर रहेगा क्योंकि यहां के लोगों ने बहुत प्यार दिया है. मिथिलेश ने कहा कि इस स्टॉल पर 31 प्रकार की चाय बनाई जाती है. सभी हर्बल से बनाई जाती है. कहा कि जब टी स्टॉल पर आते हैं तो फटा कपड़ा, गले में माला और सिर पर पगड़ी रखते हैं. मेले में आए सैकड़ों लोगों ने हर्बल गार्डन टी का स्वाद चखा है.

चाय में जड़ी बूटियों का करते हैं इस्तेमाल

मिथिलेश ने बताया कि यहां अलग-अलग तरह की चाय का नाम भी अलग-अलग रखा गया है. इसमें हरी-भरी चाय, तंदूरी चाय, मसाला चाय, लौंग चाय जैसे अनेक नाम हैं. बताया कि इस तरह के चाय में चीनी कम, शहद, टाल मिश्री और गुड़ का अधिक प्रयोग करते हैं. चायपत्ती के साथ केसर इत्यादि जड़ी बूटियों का भी इस्तेमाल करते हैं.

Kunal Gupta
error: Content is protected !!