विनयागर मंदिर की दिव्य हाथी लक्ष्मी की मौत, अंतिम संस्कार में शामिल हुए हजारों लोग..
विनयागर मंदिर.पुडुचेरी से अनोखी खबर सामने आ रही है. जिसमें मनुष्य और जानवर के बीच अटूट प्रेम को स्पष्ट देखा जा सकता है. दरअसल पुडुचेरी के विनयागर मंदिर की दिव्य हाथी लक्ष्मी की 30 नवंबर को मौत हो गयी. जिसके बाद इलाके में शोक की लहर फैल गयी. लक्ष्मी की मौत से लोगों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था.
पुडुचेरी के विनयागर मंदिर की दिव्य हाथी लक्ष्मी के अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. हाथी के शव को एक ट्रक में रखा गया था, जिसे फूल से सजाया गया था. अंतिम यात्रा मुख्य सड़क पर निकाला गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. जहां से भी लक्ष्मी की अंतिम यात्रा गुजर रही थी, लोग सड़क के दोनों छोर से पुष्प की वर्षा करते दिखे. भव्य शोभायात्रा से पहले हाथी लक्ष्मी के शव को मंदिर परिसर में भक्तों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया था. जहां लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की. हाथी लक्ष्मी की अंतिम यात्रा का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.
पुडुचेरी के राज्यपाल ने भी दी श्रद्धांजलि
हाथी लक्ष्मी के निधन पर पुडुचेरी के राज्यपाल डॉ तमिलिसाई सुंदरराजन ने भी शोक व्यक्त की. इसके साथ ही मंदिर पहुंचकर उन्होंने श्रद्धांजिल भी अर्पित की. उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से लक्ष्मी को श्रद्धांजलि देते अपनी तस्वीरें शेयर की. वीडियो शेयर करते हुए लेखक और स्तंभकार आनंद रंगनाथन ने ट्वीट किया और लिखा, मानव सभ्यता की महानता इस बात पर निर्भर करती है कि वह जानवरों के साथ कैसा व्यवहार करता है. मंदिर के दिव्य हाथी लक्ष्मी के अंतिम संस्कार में हजारों लोगों ने हिस्सा लिया.
मंदिर में काफी लोकप्रिय थी लक्ष्मी, विदेशी पर्यटकों भी करते थे प्यार
हाथी लक्ष्मी को पुडुचेरी के मनकुला विनायगर मंदिर में 1995 में 5 साल की उम्र में लाया गया था. उसी समय से उसने भक्तों के बीच अपनी छाप छोड़ दी थी. लक्ष्मी के शांत स्वभाव से लोग उसकी ओर आकर्षित होते थे. लक्ष्मी मंदिर की एक अहम सदस्य थी. मंदिर में आने वाले भक्तों के साथ-साथ विदेशी पर्यटकों के बीच भी लक्ष्मी काफी लोकप्रिय थी.
कैसे हुई लक्ष्मी की मौत
बताया जा रहा है कि सुबह सैर के दौरान हाथी लक्ष्मी की मौत हो गयी. महाउत जब उसे सुबह की सैर के लिए लेकर गया था, तो उस समय वह बेहोश हो गयी थी. उसके बाद पशुचिकित्सकों को उसके इलाज के लिए बुलाया गया था, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.