रात्रि गश्ती में मालवाहकों के कागजात की जांच के नाम पर पुलिस करती है यह ‘खेल’..
मुजफ्फरपुर,। रात्रि गश्ती में ट्रैक्टर समेत अन्य मालवाहकों के कागजात की जांच के नाम पर काजीमोहम्मदपुर थाने की पुलिस द्वारा पहले पकड़पे और बाद में छोड़ऩे का खेल चल रहा है। चार दिन पूर्व काजीमोहम्मदपुर थाने के गश्ती पदाधिकारी दारोगा नसीम अंसारी के द्वारा आरडीएस कालेज मोड़ के समीप दो ट्रैक्टर को रोका गया। दोनों ट्रैक्टर पर ईंटें लदी थीं। जांच में पता चला कि ट्रैक्टर व टेलर के कोई कागजात नहीं हैं। इस पर करीब दो घंटे तक ट्रैक्टर वाले को वहां पर रोका गया। इस दौरान अन्य कई वाहनों की भी जांच की गई। देर रात ट्रैक्टर समेत अन्य सभी वाहनों को वहीं से छोड़ दिया गया। अब आरोप यह लग रहा है कि दारोगा ने पैसे के लिए उनको रोक कर रखा हुआ था। जब उन्हें वह रकम मिल गई तो उन्होंने बिना किसी प्रकार की एंट्री के ही छोड़ दिया। मतलब सरकार को राजस्व की क्षति को और मिली हुई राशि सीधे…।
मामला डीएसपी तक जा पहुंचा
वैसे यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी कागजात जांच के नाम पर रोकने और फिर छोड़ने का खेल चलता रहा है। न केवल काजीमोहम्मदपुर थाने में वरन सदर थाना व अहियापुर थाना से जुड़े अधिकारियों की तो शिकायत भी वरीय अफसरों तक पहुंच गई थी। कुछ मामलों में कार्रवाई हुई, लेकिन अधिकांश मामले ऐसे ही रह जाते हैं। इस मामले में नगर डीएसपी के पास गश्ती के दौरान पुलिस पदाधिकारियों की कार्यशैली की शिकायत पहुंची। इस पर नगर डीएसपी राघव दयाल ने कहा कि शिकायत की जांच कराई जा रही है। जांच के आधार पर आरोपित दारोगा पर कार्रवाई की जाएगी। वहीं काजीमोहम्मदपुर थानाध्यक्ष दिगंबर कुमार से जब पूछा गया कि चार दिन पूर्व कोई ट्रैक्टर जब्त कर थाना लाया गया तो उन्होंने इन्कार किया। कहा कि गश्ती पदाधिकारी नसीम अंसारी के द्वारा न किसी ट्रैक्टर को पकड़कर थाना लाया गया और न ही जुर्माना किया गया है। वहीं दारोगा नसीम अंसारी का कहना है कि गश्ती के दौरान वाहनों की जांच की जाती है। इसमें ट्रैक्टर को रोका गया था। ट्रेलर का कोई कागज नहीं था। इस पर उसे हिदायत देकर छोड़ा गया।